लवर ने छोड़ा तो SC पहुंच गई लड़की, कोर्ट ने कहा- ब्रेकअप नहीं बन सकता रेप केस का आधार

यह मामला 2019 का है, जब महिला ने युवक पर रेप का केस दर्ज कराया था. इसके बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने की. कोर्ट ने कहा कि अगर एक सहमति से बना रिश्ता शादी तक नहीं पहुंचता, तो इसे अपराध के रूप में नहीं देखा जा सकता.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 21 Nov 2024 4:32 PM IST

शादी का वादा करके रेप का आरोप झेल रहे एक युवक को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि अगर एक कपल सहमति से रिश्ते में है और बाद में उनका ब्रेकअप हो जाता है, तो इसे आपराधिक मामला नहीं बनाया जा सकता. यह मामला 2019 का है, जब महिला ने युवक पर रेप का केस दर्ज कराया था. इसके बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने की. कोर्ट ने कहा कि अगर एक सहमति से बना रिश्ता शादी तक नहीं पहुंचता, तो इसे अपराध के रूप में नहीं देखा जा सकता.

कोर्ट को क्यों हुई हैरानी?

कोर्ट ने इस बात पर हैरानी भी जताई कि आरोपी ने महिला का पता कैसे ढूंढा और जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए. कोर्ट ने कहा कि बिना महिला की सहमति के आरोपी उसका पता नहीं जान सकता था. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि महिला का लंबे समय तक आरोपी से संपर्क में रहना और शारीरिक संबंध बनाना यह साबित करता है कि यह सब सहमति से हुआ.

क्या है पूरा मामला?

FIR के अनुसार, लड़की ने आरोप लगाया था कि वह अपने भाई के साथ रह रही थी और एक टेलीकॉम कंपनी में काम कर रही थी. आरोपी व्यक्ति 2017 में उसके संपर्क में आया था. पहली मुलाकात नवंबर 2017 में और फिर अप्रैल 2018 में एक पार्क में हुई थी. लड़की ने कहा कि जनवरी 2019 में आरोपी को मेरा पता मिला और उसने जबरन यौन संबंध बनाए थे. उसने शादी का झांसा दिया और बाद में शादी करने से इनकार कर दिया.

2019 में महिला ने FIR दर्ज कराई थी कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया और ऐसा न करने पर परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी. आरोपी के खिलाफ IPC की धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था. दिल्ली हाईकोर्ट ने भी आरोपी की याचिका खारिज कर दी थी.

दोनों अब हैं शादीशुदा

सुप्रीम कोर्ट ने यह माना कि दोनों के बीच रिश्ता सहमति से बना था. कोर्ट ने कहा कि अगर महिला की शिकायत को सही भी मान लें, तो यह साबित नहीं होता कि उसने केवल शादी के वादे के कारण शारीरिक संबंध बनाए. अब दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में खुश हैं और शादीशुदा हैं, इसलिए कोर्ट ने यह मामला रद्द कर दिया.

Similar News