'14 साल की लड़की को सब समझ आता है...' बॉम्बे HC ने POCSO के आरोपी को दी जमानत

Bombay High Court: हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट के एक मामले की सुनवाई करते हुए, 24 सला के पोक्सो एक्ट के तहत आरोपी को जमानत दे दी. उस पर 14 साल की बच्ची के साथ जबरदस्ती यौन संबंध बनाने का आरोप था. जांच में पता चला कि लड़की ने अपनी मर्जी से आरोपी के साथ शारिरीक संबंध बनाए थे और दोनों 2 साल से दोस्त थे.;

( Image Source:  META AI )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 5 Nov 2025 6:34 PM IST

Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई में पोक्सो एक्ट के आरोपी (24) को जमानत दे दी. पीड़िता उस समय 14 साल की थी और अपनी मर्जी से 3 रात और 4 दिन तक आरोपी के साथ रही थी. वह उससे प्यार करती थी और सहमति से संबंध बनाए थे. इस मामले की सुनवाई जस्टिस मिलिंद जाधव ने की.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस मिलिंद जाधव ने कहा कि लड़की बेशक नाबालिग थी, लेकिन वह जानती थी कि जो वह कर रही थी वो क्या है. बता दें कि आरोपी 5 साल से ज्यादा समय से जेल में सजा काट रहा था और अब तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ था. सोमवार को कोर्ट ने उसे जमानत दे दी. आरोपी को साल 2019 में गिरफ्तार किया गया था और आईपीसी व पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.

क्या है मामला?

आरोपी के वकील प्रेम पांडे और लड़की के पिता की ओर से कानूनी सहायता वकील मनीषा देवकर ने कोर्ट में दलीलें पेश की. जिसे सुनने के बाद जस्टिस जाधव ने कहा कि पिता और उनकी बेटी के बयान अलग-अलग हैं. लड़की की वकील मनीषा ने कहा, चूंकि लड़की अपराध के समय 14 साल की थी इसलिए उसकी सहमति कोई मायने नहीं रखती. अदालत ने इस पर कहा, मेडिकल जांच के दौरान लड़की ने अपने बयान से आरोपी के साथ उसके रिश्ते के बारे में बताया. उसने कहा कि वे दो साल से एक-दूसरे को जानते हैं. इससे पता चलता है कि दोनों ने जो किया, अपनी मर्जी और सहमति से किया.

पोक्सो एक्ट के प्रावधान

कोर्ट ने कहा, पोक्सो एक्ट के प्रावधान सख्त हैं वे न्याय के उद्देश्यों को सुरक्षित करने के लिए जमानत देने या अस्वीकार करने से अदालत को नहीं रोकेंगे. लड़की ने अपनी मर्जी से अपना घर और मां-बाप को छोड़ा और आरोपी के साथ चली गई. अदालत ने आरोपी को 15 हजार के पीआर बॉन्ड पर जमानत दे दी. वहीं आरोपी का कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड नहीं था.

जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने आरोपी को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है. इनमें वह ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना महाराष्ट्र नहीं छोड़ सकता, उन्हें जांच अधिकारी को अपना पता और मोबाइल नंबर बताना होगा, गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकते या सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करनी होगी. साथ ही ट्रायल कोर्ट में सहयोग करना होगा.

Similar News