केरल के स्कूलों से खत्म होगा 'बैकबेंचर' टैग, अब सब होंगे 'फ्रंटबेंचर'! यू-शेप क्लासरूम बना चर्चा का विषय; आनंद महिंदा हुए इमोशनल

केरल में अब कक्षाओं में 'बैकबेंचर' का कॉन्सेप्ट खत्म किया जा रहा है. नई यू-आकार (U-shaped) बैठने की व्यवस्था के तहत शिक्षक कक्षा के बीचों-बीच होंगे, जिससे सभी छात्र बराबरी से जुड़ सकें और कोई भी पीछे न छूटे. यह मॉडल 2024 की मलयालम फिल्म स्थानार्थी श्रीकुट्टन से प्रेरित है और इसे राज्य के कई स्कूलों में लागू किया गया है. उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने इसे एक 'रोचक प्रयोग' बताया और खुद के बैकबेंचर अनुभव को याद करते हुए थोड़ी उदासी भी जताई.;

( Image Source:  AI/ Social Media )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 12 July 2025 11:50 PM IST

Kerala U-shaped classroom seating: केरल के स्कूलों में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है, वो भी ऐसा जो ‘बैकबेंचर’ कल्चर को पूरी तरह खत्म कर देगा. अब क्लासरूम्स में छात्रों को सीधी पंक्तियों में नहीं बैठाया जाएगा, बल्कि U-शेप (घोड़े की नाल) में बैठाया जाएगा, जिसमें शिक्षक बीच में होंगे और सभी छात्र उनके चारों ओर... इसका मकसद है- सभी छात्रों को बराबर तवज्जो देना, और वो ‘पिछली सीट’ हटाना जो अक्सर उपेक्षा या शरारत की जगह बन जाती थी. इस नई व्यवस्था से ‘बैकबेंचर’ का युग खत्म होने की घोषणा हो गई है.

आनंद महिंद्रा की भावुक प्रतिक्रिया

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे 'एक रोचक प्रयोग' बताया, जो छात्रों की भागीदारी को बढ़ावा देगा और सीखने के अनुभव को ज्यादा प्रभावी बना सकता है, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस बदलाव ने उन्हें अपने बैकबेंचर दिनों की याद दिला दी.


आनंद महिंद्रा ने लिखा कि स्कूल और कॉलेज में वो खुद अक्सर पिछली बेंच पर बैठते थे- कभी अपनी मर्जी से, कभी हालात से. बिजनेस स्कूल में वह जिस आखिरी पंक्ति को ‘स्काइडेक’ कहा करते थे, वह उनकी सबसे पसंदीदा जगह थी. उनके लिए बैकबेंच केवल एक जगह नहीं, बल्कि एक मानसिक स्पेस था- सोचने का, कभी-कभी क्लास से अलग दिशा में ही सही.


किससे प्रेरित है ये U-शेप व्यवस्था?

यह विचार 2024 की मलयालम फिल्म ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’ से प्रेरित है, जिसमें स्कूल में समानता लाने के लिए इस तरह की क्लासरूम व्यवस्था दिखाई गई थी. इस फिल्म से प्रभावित होकर राज्य के परिवहन मंत्री के. बी. गणेश कुमार ने इसे वलाकॉम के रामविलासम स्कूल में लागू करवाया. निर्देशक विनेश विश्वनाथ के मुताबिक, अब तक केरल के 8 स्कूल और पंजाब के एक स्कूल ने इस मॉडल को अपनाया है.

सोशल मीडिया की मिली-जुली प्रतिक्रिया

जैसे ही खबर वायरल हुई, इंटरनेट पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई. कुछ लोगों ने इस बदलाव को समावेशिता और बराबरी की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया. उनका मानना है कि इससे हर छात्र को आगे आने का मौका मिलेगा. 


वहीं कुछ यूज़र्स ने ‘बैकबेंचर’ कल्चर के खत्म होने पर अफसोस जताया. उनके मुताबिक पिछली सीटें रचनात्मक सोच, गहरी समझ और एकांत अवलोकन का जरिया होती थीं. कुछ लोगों ने U-शेप व्यवस्था में गर्दन मरोड़ने जैसी शारीरिक असुविधा की चिंता भी जताई.

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