12 साल बाद NIA दुबई की मांद से खींच लाई नकली नोटों की तस्‍करी के मास्टरमाइंड को, कौन है मोइदीनभा उर्फ मोइदीन?

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 12 साल की कोशिशों के बाद दुबई से नकली भारतीय मुद्रा तस्करी के मास्टरमाइंड मोइदीनभा उर्फ मोइदीन को भारत प्रत्यर्पित कराया. आरोपी 2015 से यूएई की जेल में बंद था और 2013 के कासरगोड फेक करंसी केस में वांछित था. मोइदीन पर भारत में ₹31 लाख की जाली मुद्रा तस्करी का आरोप है. एनआईए को उससे भारत में सक्रिय फेक करंसी नेटवर्क के बारे में और अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है.;

By :  संजीव चौहान
Updated On : 21 Jun 2025 6:05 PM IST

अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जांच-पड़ताल के लिए गठित भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency NIA) को हाल ही में एक बड़ी सफलता तब मिली जब वह, अपने मोस्ट-वॉन्टेड अपराधी को दुबई की मांद से खींचकर भारत ले आई. प्रत्यार्पित करके दुबई से भारत लाया गया अपराधी भारत की नकली-जाली मुद्रा की तस्करी का मास्टरमाइंड है. नाम है मोइदीनभा उमर बेरी उर्फ मोइदीन (Indian Fake Currency Black Market Mastermind Moideenabha Ummer Beary alias Moideen).

एनआईए को उसकी तलाश बीते करीब 10-12 साल से थी. साल 2013 में इसका नाम भारत की जाली मुद्रा की तस्करी में सामने आया था. प्रत्यरपर्ण के बाद दुबई से भारत पहुंचे मोस्ट वॉन्टेड को एनआईए की टीमों ने मुंबई एयरपोर्ट पर शुक्रवार को अपनी हिरासत में ले लिया. इसकी तलाश में काफी समय तक कर्नाटक और केरल पुलिस भी जुटी रही थी. बाद में इस मामले को जब एनआईए ने अपने हाथ में लिया तो पता चला कि, मोइदीनभा तो यूएई में जा छिपा है. तभी से एनआईए उसके प्रत्यर्पण की कोशिशों में जुटी थी.

दो दशक से ज्‍यादा समय से था भगोड़ा

मोइदीनभा भारतीय जांच एजेंसी का करीब एक दशक से भी ज्यादा समय से भगोड़ा घोषित था. हालांकि आरोपी को दुबई में साल 2015 में ही गिरफ्तार कर लिया गया था. उसे लेकिन भारत लाने की कोशिशें एनआईए को कई साल करनी पड़ीं थी. तब अब एक दशक बाद एनआईए दुबई की मांद से इस मास्टरमाइंड को भारत ला पाने में सफलता मिल सकी है.

2015 से यूएई की जेल में था बंद

एनआईए मुख्यालय के मुताबिक, “शुक्रवार को 2013 के कासरगोड नकली मुद्रा मामले में एक प्रमुख आरोपी को संयुक्त अरब अमीरात से सफलतापूर्वक प्रत्यर्पण कराने के बाद गिरफ्तार किया गया. जहां वह 2015 से स्थानीय अधिकारियों की हिरासत में था. मोइदीनभा के खिलाफ भारतीय जाली मुद्रा के चार-चार मुकदमे दर्ज हैं. मुंबई में गिरफ्तारी के बाद उसे केरल के कोच्चि ले जाया गया. जहां उसे केरल के एमाकुलम में स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया.”

प्रत्यर्पण कराने में लग गए 10 साल

नई दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी मुख्यालय प्रवक्ता के मुताबिक, “एनआईए ने आरोपी का भारतीय पासपोर्ट पहले ही रद्द करवा लिया था. हमारी सूचनाओं के आधार पर आरोपी को 2015 में यूएई अधिकारियों ने ढूंढ़कर गिरफ्तार कर लिया था. तभी से उसके प्रत्यर्पण कराए जाने की प्रक्रिया चल रही थी. यूएई अधिकारियों ने 19 जून 2025 को आरोपी को भारत प्रत्यर्पित कर दिया. मामले की एनआईए जांच से पता चला कि कर्नाटक के उडुपी जिले के मूल निवासी, मोइदीन ने सह-आरोपियों के साथ मिलकर यूएई से 31 लाख रुपये मूल्य की उच्च गुणवत्ता वाली भारत की जाली मुद्रा खरीदने की साजिश रची थी.”

भारतीय जाली मुद्रा को उसने अपने दूसरे आरोपी साथी उस्मान के हाथों भारत में भिजवा दिया था. यह जाली मुद्रा उस्मान, बेंगलुरु के रास्ते विमान से भारत में तस्करी करके लाया था. इसके बाद आरोपी ने जाली मुद्रा को केरल के कासरगोड जिले और उसके आसपास के इलाकों में फैलाया था. 31 लाख रुपये की यह जाली भारतीय मुद्रा (नोट) केरल के कासरगोड और उसके आसपास के इलाकों में बाजार में चोरी-छिपे भिजवा दिए गए थे.

भारतीय जाली मुद्रा तस्करी के इस अंतरराष्ट्रीय मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए मोइदीन सहित 6 आरोपियों के खिलाफ विशेष-अदालत में आरोप-पत्र पहले ही दाखिल कर चुकी है. एनआईए को उम्मीद है कि दुबई से भारत प्रत्यार्पित कराकर लाए गए मोइदीन से गहराई से पूछताछ में कुछ और बड़ी जानकारियां मिलने की उम्मीद है. संभव है कि मोइदीन से पूछताछ में किसी बड़े जाली भारतीय मुद्रा गैंग का पता चल सके.

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