बसंती इन कुत्तों के सामने मत नाचना... Dharmendra Deol के इन Dialogues को कभी नहीं भूलेंगे फैन्स

हिंदी सिनेमा के सबसे करिश्माई और पावरफुल सितारों में से एक, धर्मेंद्र का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. अपनी दमदार बॉडी, दिलकश मुस्कान और एक्शन व इमोशन से भरे अभिनय के कारण उन्हें बॉलीवुड का He-Man कहा जाता था. धमेन्द्र के निधन की खबर सामने आते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज सितारों से लेकर आम दर्शकों तक, सभी ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके अविस्मरणीय डायलॉग्स को याद किया.;

( Image Source:  instagram.com/aapkadharam )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 24 Nov 2025 5:46 PM IST

Dharmendra Deol Famous Dialogues : हम वो नहीं जो पीछे हट जाएं, हम वो हैं जो मौत को भी हरा दें... फिल्म 'धर्मवीर'में इस डॉयलॉग को कहने वाले बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेंद्र अब इस दुनिया में नहीं रहे. उन्होंने 24 नवंबर को मुंबई स्थित घर में अंतिम सांस ली. वे पिछले कुछ समय से श्वसन (सांस) संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे. उनके निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड जगत शोक में डूब गया.

धर्मेंद्र का एक लंबा और सफल फिल्मी करियर रहा. उन्होंने लगभग छह दशकों में 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया. आज वे भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन डॉयलॉग्स हमेशा याद किए जाते रहेंगे.

धर्मेंद्र के कुछ यादगार डॉयलॉग्स

  1. “कु‌त्ते, कमीने, मैं तेरा खून पी जाऊंगा.”-  Yaadon Ki Baarat
  2. “बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना.” - Sholay
  3. “जो डर गया, समझो मर गया.”-  Phool Aur Patthar
  4. “ना मैं गिरता हूं, ना मुझे कोई गिरा सकता है… मैं इंसान हूं, पत्थर नहीं,” - Loafer
  5. “मर्द बनने के लिए शरीर नहीं, हिम्मत चाहिए.”-  Dharam Veer
  6. “मैं शराबी नहीं हूं, बस थोड़ा दर्द पीता हूं,”-  Sharafat
  7. “प्यार एक आग का दरिया है, और डूब के जाना है.” - Anupama
  8. “सच कड़वा होता है, लेकिन सच है.” - Satyakam
  9. “ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए… लंबी नहीं.”- Life in a… Metro
  10. “बाप के नाम का सहारा कमजोर लोग लेते हैं.” - Jugnu

आपको धर्मेंद्र के कुछ और सबसे प्रसिद्ध और यादगार डायलॉग के बारे में बताते हैं, जिन्होंने उन्हें 'ही-मैन ऑफ बॉलीवुड' बनाया...

  • शोले (1975) - बसंती! इन कुत्तों के सामने मत नाचना! (धर्मेंद्र का यह डायलॉग आज भी हिंदी सिनेमा के सबसे आइकॉनिक संवादों में गिना जाता है.)
  • धरम वीर (1977)- हम वो नहीं जो पीछे हट जाएं, हम वो हैं जो मौत को भी हरा दें! ( एक्शन और आत्मविश्वास से भरा हुआ डायलॉग जो उनके ‘हीरोइक’ इमेज को मजबूत करता है)
  • सीता और गीता (1972)- तेरे जैसी सास हो तो बहू क्यों न भाग जाए! (धर्मेंद्र के कॉमिक टाइमिंग का बेहतरीन उदाहरण)
  • राम बलराम (1980)- जो अपने भाई का नहीं हुआ, वो किसी का नहीं हो सकता. (इमोशनल टच के साथ क्लासिक डायलॉग डिलीवरी)
  • चुपके चुपके (1975)- शुद्ध हिंदी बोलने का भी मज़ा कुछ और ही है. (कॉमेडी के अंदाज़ में बोला गया यह डायलॉग आज भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता है)
  • यकीन (1969)- मैं शराब नहीं पीता, शराब मुझे पी जाती है! (धर्मेंद्र की डायलॉग डिलीवरी और चार्म का जबरदस्त नमूना)
  • बंदिश (1980)- जिसे इश्क़ हो जाता है, वो दुनिया से डरता नहीं. (रोमांटिक फिल्मों में धर्मेंद्र का क्लासिक अंदाज़)
  • लोफर (1973)-  हम वो दीवाने हैं जो दिल से खेलते हैं, दिमाग से नहीं. (उनका दबंग और दिलचस्प अंदाज़ दर्शाता है)
  • आदमी और इंसान (1969)- पैसे से आदमी खरीदा जा सकता है, इंसान नहीं! (समाज पर कटाक्ष और धर्मेंद्र की गंभीर डिलीवरी दोनों झलकती हैं)

धर्मेंद्र के टॉप-5 रोमांटिक डायलॉग्स

  1.  फूल और पत्थर (1966) - तुम्हारी मुस्कान में वो जादू है जो पत्थर दिल को भी पिघला दे.
  2.  कटी पतंग (1971)- प्यार करने वाले कभी डरते नहीं... मौत से भी लड़ जाते हैं.
  3.  आया सावन झूम के (1969)- जब तुम मुस्कुराती हो, तो लगता है जैसे सारी दुनिया में बस बहार ही बहार है.
  4.  आन मिलो सजना (1970)- मोहब्बत अगर सच्ची हो, तो मंज़िल खुद चलकर आती है!
  5.  ब्लैकमेल (1973)- दिल की बात जुबां पर आए तो इज़हार होता है, वरना प्यार तो आंखों से भी हो जाता है!

धर्मेंद्र के टॉप 4 कॉमिक डायलॉग्स

  1. चुपके चुपके (1975)- आप हिंदी में 'बोटैनिकल' को क्या कहते हैं? पौधालय. 
  2. ड्रीम गर्ल (1977)- तुम ड्रीम गर्ल हो या बिजली का झटका, हर बार दिल को झनझना देती हो!
  3. राजा जानी (1972)- रूप का जादू है या इश्क़ का नशा, कुछ तो है जो दिल को बहका गया.
  4. सत्यकाम (1969)- ईमानदारी भी अब मज़ाक लगने लगी है, पर मैं अभी भी वही धर्मेन्द्र हूं.  

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