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अमेरिका और कनाडा में क्‍यों छिड़ी ट्रेड वार? ट्रूडो-ट्रंप के एक फैसले से अमेरिका के 15 लाख घरों में छा जाएगा अंधेरा

Canada US Trade War: अमेरिका और कनाडा के बीच ट्रेड वार छिड़ गया है. इस वार की शुरुआत अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान से हुई है. इस बयान पर कनाडा ने जो प्रतिक्रिया दी है, उससे 15 लाख अमेरिकी घरों में अंधेरा छाने का खतरा मंडरा रहा है. आखिर इस ट्रेड वार की वजह क्या है, आइए जानते हैं...

अमेरिका और कनाडा में क्‍यों छिड़ी ट्रेड वार? ट्रूडो-ट्रंप के एक फैसले से अमेरिका के 15 लाख घरों में छा जाएगा अंधेरा
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 14 Dec 2024 8:42 PM IST

Canada US Trade War: अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडाई आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान किया है. उनके इस एलान के जवाब में कनाडा ने भी अमेरिकी शराब पर बैन लगाने और बिजली की आपूर्ति बंद करने की धमकी दी है. इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड वार होने की आशंका बढ़ गई है.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कनाडा के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत ओंटारियो की सरकार ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि यदि ट्रम्प सभी कनाडाई उत्पादों पर टैरिफ लगाते हैं, तो वे अमेरिका में बनाई गई शराब पर प्रतिबंध लगा सकते हैं. इसके साथ ही, कई अमेरिकी राज्यों को बिजली निर्यात पर भी बैन लगा सकते हैं. इसके अलावा, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ओंटारियो इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के लिए जरूरी खनिजों पर निर्यात प्रतिबंध लगाने और अमेरिकी कंपनियों को ओंटारियो की सरकारी खरीद प्रक्रियाओं में भाग लेने से रोकने पर भी विचार कर रहा है.

'ऊर्जा आपूर्ति में कटौती करने पर विचार कर रहा है कनाडा'

ओंटारियो प्रीमियर डग फोर्ड ने गुरुवार को कहा कि प्रांत अमेरिका के मिशिगन, न्यूयॉर्क और विस्कॉन्सिन राज्यों को ऊर्जा आपूर्ति में कटौती करने पर विचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम 1.5 मिलियन (यूएस) यानी 15 लाख घरों को बिजली देते हैं. अगर ट्रंप टैरिफ लगाते हैं तो अमेरिकियों के लिए बिजली खरीदना असहनीय हो जाएगा. फोर्ड ने कहा कि यदि आप ओंटारियो पर हमला करते हैं, तो आप यहां के लोगों और कनाडावासियों की आजीविका पर हमला करते हैं. हम ओंटारियों और कनाडा के लोगों की रक्षा के लिए अपने पास उपलब्ध हर उपकरण का उपयोग करेंगे.

फोर्ड की चेतावनी पर ट्रंप ने क्या कहा?

फोर्ड की चेतावनियों पर ट्रंप ने उसी दिन कहा कि अगर वे ऐसा करते हैं तो कोई बात नहीं. यह ठीक है. ट्रंप ने कहा कि कनाडा में मेरे बहुत सारे मित्र हैं, लेकिन हमें किसी देश को सब्सिडी नहीं देनी चाहिए. उन्होंने नवंबर के अंत में कनाडा और मैक्सिको से होने वाले सभी आयातों पर 25 प्रतिशत का व्यापक टैरिफ लगाने की अपनी मंशा की घोषणा की थी.

खनिजों और धातुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकता है कनाडा

इस हफ्ते की शुरुआत में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संभावित टैरिफ़ पर प्रतिक्रिया के समन्वय के लिए प्रांतीय प्रीमियर्स से मुलाकात की. वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने खुलासा किया कि कई प्रीमियर्स ने एक मजबूत कनाडाई प्रतिक्रिया का समर्थन किया, जिसमें अमेरिका को महत्वपूर्ण खनिजों और धातुओं के निर्यात को प्रतिबंधित करना शामिल है. फ्रीलैंड ने यह भी कहा कि कनाडाई व्यापार और श्रमिक नेता इस मुद्दे के समाधान के लिए अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ बातचीत कर रहे हैंय

अमेरिका पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

पीटरसन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा और मैक्सिको पर प्रस्तावित टैरिफ से अमेरिकी उपभोक्ताओं पर काफी प्रभाव पड़ेगा, जिससे ऑटोमोबाइल, सब्जियां, ईंधन, तैयार खाद्य पदार्थ और पशु उत्पादों की कीमतें बढ़ जाएंगी. पीटरसन इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने कहा कि अमेरिकी उपभोक्ताओं और कंपनियों को उच्च टैरिफ का प्रभाव झेलना पड़ेगा, जिसका निम्न आय वाले परिवारों पर भारी बोझ पड़ेगा.

कनाडा के जीडीपी में आएगी कमी

इस बीच, इस महीने की शुरुआत में सीटीवी न्यूज द्वारा कराए गए नैनोस रिसर्च सर्वे से पता चला कि यदि प्रस्तावित टैरिफ लागू किए गए तो लगभग 65 प्रतिशत कनाडाई लोगों द्वारा अमेरिकी उत्पाद खरीदने की संभावना कम या कुछ हद तक कम होगी. एक अनुमान के मुताबिक, अकेले 10 प्रतिशत टैरिफ से कनाडा के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में 0.9 से 1 प्रतिशत की कमी आएगी, जिससे सालाना लगभग 30 बिलियन कनाडाई डॉलर ($21.3 बिलियन) का नुकसान होगा, जबकि अमेरिका को सालाना 125 बिलियन ($88.8 बिलियन) का नुकसान हो सकता है. नवंबर में कनाडाई प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार 25 प्रतिशत टैरिफ से इन नुकसानों में वृद्धि होने की संभावना है.

ट्रेड वार से किसे होगा सबसे ज्यादा नुकसान?

कनाडा और अमेरिका के बीच ट्रेड वार से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा. कनाडा ट्रांस माउंटेन पाइपलाइन के जरिए जापान, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों को तेल बेच सकता है, क्योंकि यह पाइपलाइन प्रशांत महासागर तक जाती है.

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