Explainer: भारत क्यों कभी नेपाल नहीं बनेगा? जानिए दोनों देशों के लोकतंत्र की जड़ों में कितना फर्क है
भारत और नेपाल की तुलना में साफ है कि जहां नेपाल लगातार राजनीतिक अस्थिरता और सरकार बदलने के संकट से जूझ रहा है, वहीं भारत एक मजबूत और स्थिर लोकतांत्रिक ढांचे पर टिका है. नेपाल में बार-बार सत्ता परिवर्तन, दल-बदल और संवैधानिक संकट देखने को मिलते हैं, जबकि भारत में संवैधानिक संस्थाएं, न्यायपालिका और चुनाव आयोग लोकतंत्र को मजबूती देते हैं. भारत की विशाल अर्थव्यवस्था, विविध समाज और संघीय ढांचा उसे नेपाल जैसी अस्थिरता से दूर रखते हैं। यही वजह है कि भारत कभी नेपाल नहीं बनेगा.

Why India is not Nepal: नेपाल में हालिया राजनीतिक उठापटक और सरकारों के बार-बार बदलने को देखते हुए यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या भारत भी कभी नेपाल जैसी अस्थिरता का शिकार हो सकता है... लेकिन भारतीय लोकतंत्र की संरचना, संस्थाओं की मजबूती और राजनीतिक परिपक्वता बताती है कि भारत कभी नेपाल नहीं बनेगा.
नेपाल में अस्थिरता क्यों?
नेपाल ने 2008 में राजतंत्र समाप्त कर लोकतांत्रिक गणराज्य की शुरुआत की, लेकिन तब से अब तक दर्जनों सरकारें बदल चुकी हैं. छोटे-छोटे दलों का प्रभुत्व और सांसदों का बार-बार पार्टी बदलना राजनीतिक अस्थिरता की सबसे बड़ी वजह है. इसके अलावा, गठबंधन सरकारें लंबे समय तक टिक नहीं पातीं, जिससे नीति और प्रशासन दोनों प्रभावित होते हैं. वहीं, अदालतों को बार-बार राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ता है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर दिखती है.
भारत और नेपाल में फर्क क्या है?
पहलू | नेपाल | भारत |
राजनीतिक स्थिरता | लगातार सरकार गिरना और बनना, छोटी पार्टियों की ब्लैकमेलिंग | बड़े दलों की मजबूती (BJP, कांग्रेस), गठबंधन भी अपेक्षाकृत स्थिर |
लोकतांत्रिक संस्थाएं | नई और कमजोर, बार-बार संविधान संशोधन की नौबत | मजबूत परंपरा, चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट और मीडिया का असरदार रोल |
पार्टी बदलने की संस्कृति | बार-बार दलबदल, सांसदों पर कोई कड़ा अंकुश नहीं | 1985 का Anti-Defection Law दलबदल पर रोक लगाता है |
भूगोल और संसाधन | सीमित संसाधन, भौगोलिक चुनौतियां | विशाल संसाधन, विविध जनसंख्या और मजबूत संघीय ढांचा |
भारत क्यों सुरक्षित है इस अस्थिरता से?
- मजबूत संस्थाएं - भारत में चुनाव आयोग, न्यायपालिका और संसद लोकतंत्र की गारंटी हैं.
- Anti-Defection Law- सांसदों और विधायकों को बार-बार पार्टी बदलने से रोकने के लिए स्पष्ट कानून है.
- बड़े दलों का दबदबा - BJP और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल राजनीति को स्थिरता देते हैं.
- जनता की राजनीतिक समझ- भारतीय मतदाता बार-बार सरकार बदलकर भी लोकतंत्र को मजबूत करते हैं.
- संघीय ढांचा- राज्यों और केंद्र के बीच सत्ता का संतुलन लोकतंत्र को संतुलित बनाए रखता है.
नेपाल की अस्थिरता भारत के लिए चेतावनी जरूर है, लेकिन खतरा नहीं. भारत की लोकतांत्रिक जड़ें गहरी हैं और संस्थाएँ कहीं ज्यादा मजबूत. यही वजह है कि भारत कभी नेपाल जैसी अस्थिरता का शिकार नहीं होगा.