NASA समुद्र में और Roscosmos जमीन पर क्यों कराता है अपने स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग?
नौ महीने तक ISS में रहने के बाद, नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी फ्लोरिडा के तल्हासी तट पर सुरक्षित लैंड हुए. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी समुद्र में लैंडिंग को प्राथमिकता देती है, जबकि रूस जमीन पर लैंडिंग कराता है. समुद्र में उतरना सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि यह झटकों को कम करता है और रिकवरी आसान होती है.

नौ महीने तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहने के बाद, नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथियों बुच विल्मोर, निक हेग और अलेक्जेंडर गोरबुनोव के साथ सुरक्षित रूप से धरती पर लौट आई हैं. यह दल स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन का हिस्सा था और मंगलवार को फ्लोरिडा के तल्हासी के तट पर मेक्सिको की खाड़ी (Gulf of Mexico) में स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान से सफलतापूर्वक लैंड हुआ.
रिकवरी टीम ने सभी अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित निकाला, जिसके बाद उन्हें नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन ले जाया गया, जहां वे अपने परिवारों से मिलेंगे. उनके इस ऐतिहासिक मिशन से न केवल नासा के अंतरिक्ष अनुसंधान को मजबूती मिली, बल्कि भविष्य में चंद्रमा और मंगल अभियानों के लिए भी नई राहें खुलीं. अब सुनीता विलियम्स के धरती पर लौटने के बाद सवाल आता है कि आखिर अमेरिका की स्पेस एजेंसी अपने एस्ट्रोनॉट को पानी पर क्यों उतारती है. वहीं, रूस की स्पेस एजेंसी ठीक इसके विपरीत जमीन पर लैंड कराती है.
जमीन पर लैंडिंग कराना है ज्यादा खतनाक
रूसी और अमेरिकी अंतरिक्ष यानों की लैंडिंग तकनीकों में महत्वपूर्ण अंतर है. रूस आमतौर पर अपने अंतरिक्ष यानों को जमीन (स्थलीय क्षेत्रों) पर उतारता है, जबकि अमेरिका समुद्र (जलमग्न क्षेत्र) में लैंडिंग को प्राथमिकता देता है. इसका मुख्य कारण सुरक्षा और पुनः प्राप्ति प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है. रूसी सोयुज कैप्सूल आमतौर पर कजाकिस्तान के वीरान क्षेत्रों में लैंड करता है. यह क्षेत्र विशेष रूप से कठोर सतह पर लैंडिंग के लिए चुना जाता है, और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए कैप्सूल में शॉक एब्जॉर्प्शन का उपयोग किया जाता है. हालांकि, यह प्रक्रिया जोखिमपूर्ण हो सकती है क्योंकि लैंडिंग के दौरान झटके तेज हो सकते हैं.
पानी पर लैंडिंग माना जाता है सेफ
दूसरी ओर, अमेरिका के स्पेसएक्स और अपोलो मिशन आमतौर पर समुद्र में लैंडिंग करते हैं, क्योंकि पानी पर उतरना जमीन की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है. समुद्र में उतरने से कैप्सूल पर प्रभाव कम पड़ता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को कम झटका महसूस होता है. इसके अलावा, समुद्र में लैंडिंग के बाद रिकवरी टीमें जहाजों की मदद से कैप्सूल को आसानी से बाहर निकाल सकती हैं.
रीयूज में आता है काम
अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट को समुद्र में उतारने की एक और बड़ी वजह पुन: उपयोग क्षमता भी है. स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल और नासा के अन्य आधुनिक अंतरिक्ष यान जल में सुरक्षित उतरने के बाद पुनः प्रयोग के लिए उपयुक्त बनाए जाते हैं. इससे मिशन की लागत भी कम होती है और भविष्य के अभियानों के लिए तकनीकी सुधार करना आसान होता है.
मौसम बढ़ा सकती है मुश्किलें
हालांकि, समुद्र में लैंडिंग की अपनी चुनौतियां भी होती हैं, जैसे कि खराब मौसम, समुद्री लहरें और रिकवरी प्रक्रिया की जटिलता. लेकिन सुरक्षा और कम प्रभाव के कारण अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसियां इसे अधिक प्राथमिकता देती हैं, जबकि रूसी अंतरिक्ष एजेंसियां अपने पारंपरिक स्थलीय लैंडिंग पद्धति को बनाए रखती हैं.