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क्यों पाकिस्तानी सैनिकों की जान की दुश्मन बनी बीएलए, आखिर चाहती क्या है?

बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने दावा किया कि यह हमला सेना के 13 वाहनों के काफिले पर किया गया, जिसमें पांच बसें और सात सैन्य वाहन शामिल थे. यह घटना तुर्बत शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर बेहमान इलाके में शाम 5:45 बजे घटी. प्रवक्ता ने इसे बीएलए की खुफिया क्षमताओं और आत्मघाती हमलावरों के बलिदान का परिणाम बताया.

क्यों पाकिस्तानी सैनिकों की जान की दुश्मन बनी बीएलए, आखिर चाहती क्या है?
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 6 Jan 2025 5:31 PM

पाकिस्तान में सुरक्षा बलों पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला बलूचिस्तान के तुर्बत इलाके का है, जहां सेना के काफिले पर घातक हमला हुआ. इस हमले में 47 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के मजीद ब्रिगेड ने ली है.

बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने दावा किया कि यह हमला सेना के 13 वाहनों के काफिले पर किया गया, जिसमें पांच बसें और सात सैन्य वाहन शामिल थे. यह घटना तुर्बत शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर बेहमान इलाके में शाम 5:45 बजे घटी. प्रवक्ता ने इसे बीएलए की खुफिया क्षमताओं और आत्मघाती हमलावरों के बलिदान का परिणाम बताया.

उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला पाकिस्तान को यह चेतावनी देने के लिए है कि बलूचिस्तान की जमीन कभी भी उनके कब्जे के लिए सुरक्षित नहीं होगी. बीएलए ने परिवहन मालिकों को भी चेतावनी दी है कि वे सेना को वाहन न दें, अन्यथा उनके वाहनों को जलाने की धमकी दी गई है.

किया गया आत्मघाती हमला

पाकिस्तानी प्रशासन ने स्पष्ट रूप से यह दावा किया था कि इस हमले में किसी भी आत्मघाती हमलावर की भूमिका नहीं थी. हालांकि, बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमलावर की पहचान उसके फोटो के साथ सार्वजनिक कर दी है. आत्मघाती हमलावर का नाम बाहर अली उर्फ कारवान था, जो बीएलए की मजीद ब्रिगेड का एक सक्रिय सदस्य था.

आखिर कौन है बीएलए?

अब इस हमले के बाद लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर ये बीएलए कौन है और ये क्या काम करती है. बता दें, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) एक बलूच जातीय राष्ट्रवादी उग्रवादी संगठन है. यह संगठन मुख्य रूप से दक्षिणी अफगानिस्तान में सक्रिय है और वहीं से पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हमले करता है. बीएलए का मुख्य निशाना पाकिस्तानी सशस्त्र बल, नागरिक और विदेशी नागरिक होते हैं.

अलग राज्य की करते हैं मांग

बीएलए का उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर स्वतंत्र राज्य बनाना है. संगठन का आरोप है कि पाकिस्तानी सरकार बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है और क्षेत्र में मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन कर रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, बीएलए बलूचिस्तान में सबसे बड़ा सशस्त्र समूह है, जिसके हजारों सदस्य बताए जाते हैं.

20 साल से है एक्टिव

बीएलए पिछले 20 वर्षों से एक्टिव है और पहले छोटे पैमाने के हमलों के लिए जाना जाता था. हालांकि, हाल के वर्षों में इसने बड़े हमलों को अंजाम दिया है. द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2024 में बलूचिस्तान में हिंसक गतिविधियों में तेजी आई, जब स्वतंत्रता समर्थक उग्रवादी समूहों ने अपने अभियान तेज कर दिए.

अब तक कितने हमले हुए?

  • बीएलए, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ), बलूच राजी आजोई संगर (बीआरएएस) और अन्य संगठनों ने कुल 938 हमले किए
  • इन हमलों में 1002 से अधिक मौतें हुई और 689 लोग घायल हुए, साथ ही 546 संपत्तियों को नुकसान हुआ
  • बीएलए ने अकेले 2024 में 302 हमलों को अंजाम दिया, जिनमें 580 से अधिक मौतें और 370 से अधिक लोग घायल हुए
  • 2024 में हुए हमलों में 171 से ज्यादा मामलों में संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा
  • संगठन ने 21 जिलों में 240 क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों का दावा किया

मजीद ब्रिगेड ने किए छह बड़े ऑपरेशन

बीएलए की मजीद ब्रिगेड हाई-प्रोफाइल आत्मघाती हमलों के लिए कुख्यात है. रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में मजीद ब्रिगेड ने छह बड़े ऑपरेशन किए, जिनसे पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ. हालांकि, बीएलए के करीब 52 लड़ाके भी मारे गए, जिनमें से अधिकांश मजीद ब्रिगेड के सदस्य थे. बीएलए को पाकिस्तान, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, और यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है.

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