बलूचिस्तान के पीछे कौन, किसके सहारे इतना उछलती है बलूच लिबरेशन आर्मी?
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने क्वेटा से पेशावर जा रही ट्रेन पर हमला कर यात्रियों को बंधक बना लिया. पाकिस्तानी सेना का ऑपरेशन जारी है. BLA लंबे समय से अलगाववादी आंदोलन चला रहा है और इसे कथित रूप से अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी मिल सकता है. पाकिस्तान, भारत, अफगानिस्तान और ईरान को इसके पीछे मानता है.

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में क्वेटा से पेशावर जा रही पैसेंजर ट्रेन पर मंगलवार को आतंकियों ने हमला कर दिया. आतंकियों ने ट्रेन पर गोलीबारी की और यात्रियों को बंधक बनाकर हाईजैक कर लिया. इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है. पाकिस्तानी सेना ने बंधकों को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया है और अभी चल ही रहा है.
बलूचिस्तान में सक्रिय बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) लंबे समय से पाकिस्तान के खिलाफ अलगाववादी आंदोलन चला रही है. हाल के वर्षों में BLA के हमलों में वृद्धि देखने को मिली है, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर इसे समर्थन कौन दे रहा है और किसके सहारे यह संगठन पाकिस्तान के खिलाफ इतनी मजबूती से खड़ा है.
BLA को अंतरराष्ट्रीय समर्थन
BLA को सीधे तौर पर किसी देश का आधिकारिक समर्थन नहीं मिला है, लेकिन कई विश्लेषकों का मानना है कि इसे अप्रत्यक्ष रूप से कुछ देशों की सहानुभूति प्राप्त हो सकती है.
अफगानिस्तान: पाकिस्तान लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि BLA को अफगानिस्तान से सहायता मिलती है। 2021 में तालिबान के कब्जे से पहले, काबुल में भारत समर्थित सरकार पर भी BLA को शरण देने के आरोप लगे थे।
ईरान: बलूचिस्तान का कुछ हिस्सा ईरान में भी पड़ता है और वहां भी बलूच अलगाववादी सक्रिय हैं। ईरान और पाकिस्तान के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव के कारण कभी-कभी ऐसा कहा जाता है कि ईरान, पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए BLA को बर्दाश्त कर सकता है।
भारत: पाकिस्तान लगातार भारत पर आरोप लगाता है कि वह BLA को समर्थन देता है, हालांकि भारत सरकार ने इस तरह के किसी भी संबंध से इनकार किया है। भारत की रुचि मुख्य रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान तक सीमित रही है, लेकिन पाकिस्तान इसे भारत की "हाइब्रिड वॉर" रणनीति का हिस्सा बताता रहा है।
क्या BLA को भारत का समर्थन है?
भारत आधिकारिक रूप से BLA का समर्थन नहीं करता, लेकिन पाकिस्तान बार-बार आरोप लगाता है कि भारतीय खुफिया एजेंसी RAW इसके पीछे है. पाकिस्तान ने 2016 में कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी को इसी दावे से जोड़ा था, हालांकि भारत ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया.
पीएम मोदी कर चुके हैं समर्थन
2016 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में कश्मीर में हिंसा के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था. इसके जवाब में, अगले ही दिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में बलूचिस्तान, गिलगित और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान की मानवाधिकार हनन की नीतियों पर तीखा प्रहार किया था. मोदी ने कहा था कि बलूचिस्तान, गिलगित और PoK के लोगों ने उनके समर्थन के लिए आभार जताया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को नई धार मिली.