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PM मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले व्हाइट हाउस में खालिस्तान समर्थक नेताओं के साथ की बैठक

आज PM मोदी क्वाड समिट के लिए अमेरिका पहुंच चुके हैं. यह यात्रा तीन दिन तक चलेगी. क्वाड समिट में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और जापान जैसे शक्तिशाली देश शामिल हैं. साल 2025 में भारत क्वाड समिट होस्ट करेगा.

PM मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले व्हाइट हाउस में खालिस्तान समर्थक नेताओं के साथ की बैठक
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Credit- X- Pritpal Singh
हेमा पंत
By: हेमा पंत

Updated on: 21 Sept 2024 7:05 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा से ठीक पहले व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने सिख कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें अमेरिकी सरकार की अमेरिकियों को अंतरराष्ट्रीय दमन से बचाने की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया. यह बैठक व्हाइट हाउस परिसर के अंदर हुई, जो प्रधानमंत्री के आगमन से पहले खालिस्तान समर्थक समूहों के साथ सतर्कता और जुड़ाव को बढ़ाने का संकेत देती है.

रिपोर्ट के अनुसार, सिख गठबंधन सिख अमेरिकी कानूनी रक्षा और शिक्षा कोष (SALDEF) और अमेरिकी सिख कॉकस समिति सहित प्रमुख सिख संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया. अमेरिकी सिख कॉकस समिति के संस्थापक प्रीतपाल सिंह ने सिख अमेरिकियों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सरकार के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया है.

प्रीतपाल सिंह ने दी जानकारी

प्रीतपाल सिंह ने एक्स पर लिखा "हमें सिख अमेरिकियों के जीवन को बचाने और हमारे समुदाय की सुरक्षा में उनकी सतर्कता के लिए वरिष्ठ संघीय अधिकारियों को धन्यवाद देने का मौका मिला. हमने उनसे और अधिक करने के लिए कहा और हम उनके आश्वासनों पर खरे उतरेंगे. स्वतंत्रता और न्याय की जीत होनी चाहिए".

यह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और सिख कार्यकर्ताओं के बीच अपनी तरह की पहली बैठक है, जबकि चर्चा के विशिष्ट विवरण अभी तक उजागर नहीं किए गए हैं. यह समझा जाता है कि व्हाइट हाउस ने अंतरराष्ट्रीय आक्रामकता के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए बातचीत शुरू की है. यह बैठक अमेरिका में हाल ही में किए गए विधायी प्रयासों के अनुरूप है.

ट्रांसनेशनल रिप्रेशन रिपोर्टिंग एक्ट किया पेश

इस सप्ताह की शुरुआत में कांग्रेसी एडम शिफ ने 2024 का ट्रांसनेशनल रिप्रेशन रिपोर्टिंग एक्ट पेश किया, जिसका उद्देश्य अमेरिकी धरती पर व्यक्तियों को लक्षित करने वाली दमनकारी कार्रवाइयों के लिए विदेशी अभिनेताओं को जवाबदेह ठहराना है. इस बिल में ट्रांसनेशनल दमन के मामलों को ट्रैक करने के लिए अटॉर्नी जनरल और संघीय एजेंसियों से समन्वित रिपोर्ट की आवश्यकता होगी.

गुरपतवंत सिंह पन्नू ने किया था मुकदमा दायर

इस संदर्भ में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में भारत सरकार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के खिलाफ एक दीवानी मुकदमा दायर किया था. मुकदमे के कारण न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय से समन जारी किया गया. अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाले पन्नू ने भारतीय अधिकारियों पर अमेरिकी धरती पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. एक ऐसा मामला जिसने खालिस्तान समर्थक समूहों और भारतीय अधिकारियों के बीच तनाव बढ़ा दिया है.

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