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Life On Alien Planet: इस ब्रह्मांड में हम नहीं अकेले, वैज्ञानिकों को मिले अब तक के सबसे बड़े सबूत!

एक नए सूरज के साए में, कहीं दूर ब्रह्मांड की अथाह गहराइयों में, एक ग्रह है — K2-18b — जो अब दुनिया भर के वैज्ञानिकों की नज़रों का केंद्र बन गया है. कारण? यहां ज़िंदगी के संकेत मिलने की सबसे पक्की झलक दिखी है! James Webb Space Telescope से मिली लेटेस्ट तस्वीरों और डेटा ने विज्ञान की दुनिया में हलचल मचा दी है.

Life On Alien Planet: इस ब्रह्मांड में हम नहीं अकेले, वैज्ञानिकों को मिले अब तक के सबसे बड़े सबूत!
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 17 April 2025 11:59 AM

क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं? हजारों सालों से इंसान इस सवाल का जवाब ढूंढ़ रहा है. आसमान की ओर टकटकी लगाए, कभी सितारों में भगवान को तलाशा, तो कभी एलियन सभ्यताओं की कल्पनाएं कीं. लेकिन अब यह सवाल सिर्फ कल्पना नहीं रहा. NASA के जेम्स वेब टेलीस्कोप ने ऐसा सुराग खोज निकाला है, जो शायद इंसानियत को यह जवाब देने के बेहद करीब पहुंचा चुका है — शायद, हम अकेले नहीं हैं.

सोचिए... आसमान के पार, करोड़ों मील दूर एक ग्रह है — K2-18b — एक नए सूरज के साए में, कहीं दूर ब्रह्मांड की अथाह गहराइयों में, जहां शायद कोई ज़िंदगी पल रही हो. जो अब दुनिया भर के वैज्ञानिकों की नज़रों का केंद्र बन गया है. कारण? यहां ज़िंदगी के संकेत मिलने की सबसे पक्की झलक दिखी है!

James Webb Space Telescope ने इस ग्रह की हवा में कुछ ऐसे गैसों के निशान पकड़े हैं, जो हमारी धरती पर सिर्फ और सिर्फ जिंदा जीव ही बनाते हैं. इन गैसों का नाम है DMS (डायमिथाइल सल्फाइड) और DMDS (डायमिथाइल डाईसल्फाइड)। ये गैसें हमारी धरती पर समुद्र में रहने वाले छोटे-छोटे जीव, जैसे शैवाल (phytoplankton), से निकलती हैं.

मतलब यह हो सकता है कि K2-18b पर भी कुछ ऐसे ही छोटे-छोटे जीव हों!

यह बात सुनते ही दुनियाभर के वैज्ञानिक हैरान हैं. हालांकि, उन्होंने ये साफ कहा है कि उन्होंने वहां कोई एलियन नहीं देखा है — लेकिन जो गैसें मिली हैं, वो ‘biosignature’ यानी जिंदगी होने का इशारा देती हैं.

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिसिस्ट निक्कू मधुसूदन की अगुआई में हुए इस अध्ययन को 'Astrophysical Journal Letters' में प्रकाशित किया गया है. मधुसूदन कहते हैं – "यह विज्ञान की एक क्रांतिकारी घड़ी है. हम अब उस दौर में पहुंच चुके हैं, जहां पर संभावित जीवन के संकेत दूरदराज के ग्रहों से भी देखे जा सकते हैं."

K2-18b कैसा ग्रह है?

  • ये ग्रह हमारी पृथ्वी से करीब 124 light-years दूर है (यानी रोशनी को वहां तक पहुंचने में 124 साल लगते हैं!)
  • इसका आकार पृथ्वी से 2.6 गुना बड़ा है
  • ये एक छोटे और ठंडे तारे (red dwarf star) के चारों ओर घूमता है
  • इसकी सतह पर पानी का महासागर हो सकता है — और उसी में हो सकता है ज़िंदगी भी!

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक 'Hycean World' हो सकता है, यानी ऐसा ग्रह जो पानी से ढका है और जिसके वातावरण में हाइड्रोजन है. ऐसे ग्रहों पर सूक्ष्म जीवों के जीने की संभावना होती है.

कहानी में ट्विस्ट भी है...

वैज्ञानिक अभी और ज्यादा डेटा इकट्ठा करना चाहते हैं, ताकि यह पक्का हो सके कि ये गैसें वाकई में जीवन के कारण ही बनी हैं, ना कि किसी और रासायनिक प्रक्रिया से. लेकिन एक बात तो तय है – यह खोज इंसानी इतिहास में "क्या हम अकेले हैं?" के सवाल को नए सिरे से खड़ा करती है. आने वाले सालों में और भी अध्ययन होंगे, और अगर इन संकेतों की पुष्टि होती है, तो ये क्षण मानव सभ्यता के इतिहास में सबसे बड़ी वैज्ञानिक क्रांतियों में से एक साबित हो सकता है.

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