लॉस एंजेलिस में हिंसक प्रदर्शन, FBI की चेतावनी और नेशनल गार्ड तैनाती पर भड़की जनता; पढ़ें 10 बड़ी बातें
लॉस एंजेलिस में अप्रवासी छापों और राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा नेशनल गार्ड की तैनाती के खिलाफ प्रदर्शन उग्र हो गए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और रबर बुलेट चलाई. गवर्नर और मेयर ने इस कदम की आलोचना की. FBI की चेतावनी और सैकड़ों गिरफ्तारियों ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है, जिससे शहर में भय और आक्रोश दोनों फैले हैं.

रविवार को लॉस एंजेलिस में विरोध-प्रदर्शन उस समय उग्र हो गया जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भेजे गए नेशनल गार्ड के सैनिकों की मौजूदगी के खिलाफ सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. ये प्रदर्शन संघीय स्तर पर किए गए अप्रवासी छापों के खिलाफ पहले ही शुरू हो चुके थे, लेकिन गार्ड की तैनाती ने गुस्से को और बढ़ा दिया.
ये विरोध प्रदर्शन शनिवार तक पैरामाउंट और कॉम्पटन जैसे लातीनी-बहुल इलाकों में फैल गए. रविवार को लोग बड़ी संख्या में मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर के बाहर जमा हुए, जहां छापेमारी में पकड़े गए लोगों को रखा गया था. प्रदर्शनकारी “शेम” और “गो होम” जैसे नारे लगा रहे थे.
झड़पों में बदला प्रदर्शन
कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर वस्तुएं फेंकने के बाद LAPD ने स्थिति को 'गैरकानूनी सभा' घोषित किया और जवाब में आंसू गैस, फ्लैश बैंग और रबर की गोलियों का प्रयोग किया. भीड़ ने 101 फ्रीवे को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे शहर का यातायात ठप हो गया.
FBI की धमकी और राजनीतिक टकराव
FBI निदेशक काश पटेल ने चेतावनी दी कि किसी भी अधिकारी पर हमला करने वालों को जेल भेजा जाएगा, चाहे वे किस आंदोलन से जुड़े हों. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर स्थानीय पुलिस सहयोग नहीं करेगी, तो FBI खुद कार्रवाई करेगी. इस बयान ने प्रदर्शनकारियों में और आक्रोश भर दिया.
लॉस एंजेलिस प्रदर्शन की 10 बड़ी बातें
- ट्रंप का पक्ष: राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेट नेता स्थिति को संभालने में विफल रहे हैं, इसलिए नेशनल गार्ड की तैनाती जरूरी थी. उन्होंने कानूनी प्रावधान का हवाला देकर "विद्रोह या विद्रोह की आशंका" के तहत कार्रवाई को सही ठहराया.
- गार्ड की तैनाती: यूएस नॉर्दर्न कमांड को आदेश देकर ट्रंप ने 2000 सैनिकों को 60 दिनों के लिए LA में तैनात किया है, जो रक्षा सचिव के आदेश तक वहां रहेंगे. यह गवर्नर की अनुमति के बिना गार्ड को फेडरलाइज करने का दुर्लभ मामला है.
- गवर्नर की नाराज़गी: कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूज़ॉम ने ट्रंप के आदेश की आलोचना करते हुए इसे “राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन” बताया. उन्होंने राष्ट्रपति पर जानबूझकर अराजकता फैलाने का आरोप लगाया.
- तेजी से फैला आंदोलन: शुक्रवार को शुरू हुए विरोध प्रदर्शन शनिवार तक पैरामाउंट और कॉम्पटन जैसे क्षेत्रों में फैल गए, जहां लातीनी आबादी प्रमुखता से रहती है.
- पैरामाउंट में झड़पें: पैरामाउंट में प्रदर्शनकारियों ने होम डिपो के पास बॉर्डर पैट्रोल वाहनों को रोकने की कोशिश की. जवाब में संघीय एजेंट्स ने आंसू गैस, फ्लैश बम और पेपर बॉल्स का इस्तेमाल किया.
- प्रमुख गिरफ्तारियां: प्रदर्शन के दौरान 100 से अधिक गिरफ्तारियां हुईं. एक प्रमुख यूनियन नेता को पुलिस कार्य में बाधा डालने के आरोप में हिरासत में लिया गया.
- रविवार की टकरावपूर्ण स्थिति: रविवार को डिटेंशन सेंटर के बाहर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने फिर से आंसू गैस का प्रयोग किया. शहर में तीन बड़े प्रदर्शन आयोजित हुए जिनमें से अधिकांश शांतिपूर्ण थे.
- फौजी हस्तक्षेप की चेतावनी: रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने चेताया कि हालात बिगड़ने पर कैंप पेंडलटन से मरीन तैनात किए जा सकते हैं. गवर्नर न्यूज़ॉम ने इस विचार को "पागलपन" करार दिया.
- अप्रवासन नीति का कड़ा रुख: ICE ने पिछले सप्ताह लॉस एंजेलिस क्षेत्र में 118 लोगों को हिरासत में लिया, जो ट्रंप के अब तक के सबसे बड़े डिपोर्टेशन अभियान का हिस्सा बताया गया.
- LAPD की स्थिति: LAPD ने स्पष्ट किया कि वे संघीय एजेंसियों के साथ अप्रवासन कानूनों को लागू करने में सहयोग नहीं कर रहे हैं और किसी की नागरिक स्थिति के आधार पर उसे नहीं रोकते. वे केवल सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण में शामिल हैं.