क्या अमेरिका और ईरान के बीच होकर रहेगी जंग? ट्रंप बढ़ा रहे सैनिकों की तैनाती, ख़ामेनेई भी झुकने को नहीं तैयार
अमेरिका ने चुपचाप इंडो-पैसिफिक और हिंद महासागर क्षेत्र में एक बड़ी सैन्य कार्रवाई की है. अमेरिका ने अपनी सबसे आधुनिक और ताकतवर बमवर्षक विमानों में से 6 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और तीन एयरक्राफ्ट कैरियर्स को इस क्षेत्र में तैनात कर दिया है. इससे इरान के साथ जंग की आशंका बढ़ गई है.

US-Iran War: पिछले कुछ महीनों में अमेरिका और ईरान के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए हैं. अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर काफी सख्त हो गया है और चाहता है कि ईरान अपने सभी परमाणु हथियार बनाने की योजनाओं को पूरी तरह खत्म करे. दूसरी तरफ, ईरान ने हाल ही में बड़ा सैन्य अभ्यास किया है. इसका मकसद ये दिखाना था कि अगर उस पर हमला हुआ, तो वो उसका जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है. ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर किसी ने उसके परमाणु ठिकानों पर हमला किया, तो वह पूरा युद्ध छेड़ देगा.
दुनिया की चिंता और बातचीत की कोशिशें
दुनिया के कई देश इस टकराव से परेशान हैं. रूस ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि अगर युद्ध हुआ, तो उसके गंभीर नतीजे होंगे. रूस बातचीत कराने में भी मदद करना चाहता है.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई युद्ध हो सकता है? हालात को देखकर लगता है कि टकराव किसी भी समय बढ़ सकता है.
अमेरिका की गुपचुप कार्रवाई
अमेरिका ने चुपचाप इंडो-पैसिफिक और हिंद महासागर क्षेत्र में एक बड़ी सैन्य कार्रवाई की है. अमेरिका ने अपनी सबसे आधुनिक और ताकतवर बमवर्षक विमानों में से 6 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और तीन एयरक्राफ्ट कैरियर्स को इस क्षेत्र में तैनात कर दिया है. यह कदम दुनिया का ध्यान खींच रहा है क्योंकि यह एक बड़ी रणनीतिक तैयारी मानी जा रही है. इसी कार्रवाई की वजह से यह आशंका प्रबल हो रही है कि किसी भी वक्त दोनों देशों की बीच जंग छिड़ सकती है.
B-2 बॉम्बर्स की रिकॉर्ड तैनाती
डिएगो गार्सिया के अमेरिकी-ब्रिटिश सैन्य अड्डे पर सैटेलाइट तस्वीरों में छह B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स देखे गए हैं. यह विमान अमेरिकी वायुसेना के सबसे एडवांस हथियार माने जाते हैं और 40,000 पाउंड तक बम ले जा सकते हैं. अमेरिका के पास कुल 20 ऐसे विमान हैं और अब इनमें से 6 हिंद महासागर में तैनात कर दिए गए हैं. इस तैनाती को बेहद अहम माना जा रहा है.
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तीन एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात
अमेरिका अब इंडो-पैसिफिक में अपनी समुद्री ताकत भी बढ़ा रहा है. तीन बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर - USS Carl Vinson, USS Harry S. Truman और USS Nimitz - को इस क्षेत्र में भेजा गया है. USS Carl Vinson को मध्य एशिया भेजा गया है. USS Harry S. Truman अरब सागर में सक्रिय रहेगा जबकि USS Nimitz दक्षिण चीन सागर की ओर बढ़ेगा.
क्या है तैनाती की वजह?
पेंटागन का कहना है कि यह कदम अमेरिका की सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं और किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.” हाल के दिनों में अमेरिका और यमन में मौजूद ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के बीच तनाव बढ़ा है. हूती गुट ने अमेरिकी जहाजों पर हमले किए हैं, जिसका जवाब अमेरिका ने सैन्य हमलों से दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर हूती और उनके समर्थक ईरान अमेरिका पर हमले जारी रखते हैं, तो उन्हें भारी नुकसान भुगतना पड़ेगा.
फिलहाल, दोनों देश सीधे युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हालात बहुत संवेदनशील हैं. अगर कोई गलती या गलतफहमी हुई, तो टकराव बढ़ सकता है.