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तारिक रहमान की 17 साल बाद बांग्लादेश वापसी पर भारत ने क्या कहा? BNP लीडर अब वोटर बनने के लिए करेंगे आवेदन-TOP UPDATES

भारत ने 17 साल बाद बीएनपी नेता तारिक रहमान की ढाका वापसी को बांग्लादेश में 'स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव' के समर्थन के रूप में देखा है. विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब सभी राजनीतिक दलों की भागीदारी सुनिश्चित हो. इस बीच, भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हो रही हिंसा पर गंभीर चिंता जताई है और 2,900 से ज्यादा हिंसक घटनाओं का हवाला दिया है. शेख हसीना के भारत में मौजूद होने, आवामी लीग पर प्रतिबंध, भारत-बांग्लादेश राजनयिक तनाव और पाकिस्तान की सैन्य मौजूदगी जैसे मुद्दों ने हालात को और संवेदनशील बना दिया है.

तारिक रहमान की 17 साल बाद बांग्लादेश वापसी पर भारत ने क्या कहा? BNP लीडर अब वोटर बनने के लिए करेंगे आवेदन-TOP UPDATES
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( Image Source:  ANI )

Tarique Rahman Bangladesh return, Bangladesh elections 2026: 17 साल के लंबे निर्वासन के बाद बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान की ढाका वापसी ने बांग्लादेश की राजनीति में हलचल तेज़ कर दी है. इस घटनाक्रम पर भारत ने पहली बार औपचारिक प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'फ्री, फेयर और इनक्लूसिव चुनाव प्रक्रिया' के संदर्भ में देखने की बात कही है.

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भारत ने क्या कहा?

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ शब्दों में कहा कि भारत बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनावों का समर्थन करता है. उन्होंने कहा, “इनक्लूसिव चुनाव का मतलब है कि सभी राजनीतिक धाराएं और पक्ष चुनाव प्रक्रिया में शामिल हों, ताकि लोकतंत्र मजबूत हो.” भारत का यह बयान ऐसे समय आया है जब फरवरी 2026 में प्रस्तावित चुनावों से पहले बांग्लादेश का राजनीतिक परिदृश्य बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहा है.


तारिक रहमान की वापसी क्यों अहम है?

तारिक रहमान 2008 से लंदन में रह रहे थे. वे पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान के बेटे और खालिदा जिया के पुत्र हैं. उनकी वापसी को BNP की ताकत के प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. ढाका की सड़कों पर उमड़े समर्थकों की भीड़ ने यह संकेत दिया कि BNP चुनावी दौड़ में सबसे आगे मानी जा रही है. तारिक ने लौटते ही अपने पिता जियाउर रहमान की कब्र पर जाकर श्रद्धांजलि दी और अब वे वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने और नेशनल ID कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे.


शेख हसीना, यूनुस सरकार और भारत की मुश्किलें

अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना सरकार का पतन हुआ और वे भारत आ गईं. इसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी. हालांकि, बांग्लादेश ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की और ढाका की विशेष अदालत ने उन्हें मृत्युदंड भी सुनाया... लेकिन भारत ने अब तक इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी. इसी बीच, यूनुस सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया, जिस पर भारत ने अप्रत्यक्ष रूप से असहमति जताई है.


अल्पसंख्यकों पर हमले: भारत की ‘गंभीर चिंता’

MEA ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर बढ़ती हिंसा को लेकर बेहद कड़ा रुख अपनाया है. भारत का दावा है कि अंतरिम सरकार के दौरान 2,900 से ज्यादा हिंसक घटनाएं हुईं, जिसमें हत्या, आगजनी, लूट और धार्मिक उत्पीड़न शामिल हैं. वहीं, मयमनसिंह में हिंदू युवक की हत्या पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया.


रणधीर जायसवाल ने साफ कहा, “इन घटनाओं को मीडिया की बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई खबरें कहकर खारिज नहीं किया जा सकता.” भारत ने दूसरे हिंदू युवक की मौत को 'आपराधिक मामला' बताने की ढाका सरकार की दलील को भी खारिज कर दिया.

भारत पर लगे आरोप और MEA का जवाब

बांग्लादेशी मीडिया में यह आरोप लगे कि भारत, शेख हसीना को अपनी जमीन से 'एंटी-बांग्लादेश गतिविधियां' चलाने दे रहा है. MEA ने इसे 'पूरी तरह झूठा नैरेटिव' बताते हुए कहा, “बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी वहीं की सरकार की है.”

कूटनीतिक तनाव और क्षेत्रीय संकेत

  • भारत और बांग्लादेश ने एक-दूसरे के उच्चायुक्तों को तलब किया
  • कोलकाता में बांग्लादेश डिप्टी हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन, 12 गिरफ्तार
  • पाकिस्तान के युद्धपोत की बांग्लादेश यात्रा पर भारत की नजर
  • भारत ने स्पष्ट किया कि वह हर ऐसे घटनाक्रम पर नज़र रखता है जो उसके राष्ट्रीय हितों से जुड़ा हो

भारत की रणनीति क्या संकेत देती है?

भारत का स्टैंड फिलहाल तीन बिंदुओं पर टिका दिखता है:

  • बांग्लादेश में लोकतांत्रिक और समावेशी चुनाव
  • अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ज़ीरो टॉलरेंस
  • क्षेत्रीय स्थिरता और लोगों के हित को प्राथमिकता


हालांकि, शेख हसीना का भविष्य, तारिक रहमान की भूमिका और यूनुस सरकार की दिशा, ये तीनों मिलकर आने वाले महीनों में भारत–बांग्लादेश संबंधों की असली परीक्षा लेने वाले हैं.

ममता बनर्जी पर बरसे सुवेंदु अधिकारी

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हालिया हिंसा पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद शर्मिला सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. वहीं, कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के मामले में विदेश मंत्रालय से अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की मांग की, जबकि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि ममता बनर्जी सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा फैलाने वाले लोगों के हितों की रक्षा कर रही है.

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