Begin typing your search...

2 हिंदुओं की हत्या के बाद तारिक रहमान ने बनाई खास योजना, ऐसे बनाना चाहते हैं नया बांग्लादेश; 17 मिनट के भाषण से जगी उम्मीद

बांग्लादेश की राजनीति में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. 17 साल बाद बांग्लादेश लौटे तारिक रहमान के भाषण के बाद अब बदलाव की आहट और बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए अच्छे दिनों की एक उम्मीद की किरण दिखने लगी है. तारिक रहमान हिंदू और मुसलमानों को मिलाकर एक नया बांग्लादेश बनाना चाहते हैं.

2 हिंदुओं की हत्या के बाद तारिक रहमान ने बनाई खास योजना, ऐसे बनाना चाहते हैं नया बांग्लादेश; 17 मिनट के भाषण से जगी उम्मीद
X
( Image Source:  X/ @bdbnp78 )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Published on: 26 Dec 2025 1:21 PM

Tarique Rahman: लगभग छह दशक पहले अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने लिंकन मेमोरियल से दिया गया ऐतिहासिक भाषण "मेरा एक सपना है" दुनिया भर में समानता और मानवाधिकारों की प्रतीकात्मक आवाज बन गया था. उसी विरासत की गूंज अब बांग्लादेश की राजनीति में सुनाई दे रही है.

स्‍टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्‍सक्राइब करने के लिए क्लिक करें

25 दिसंबर को बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (बीएनपी) के प्रमुख तारिक रहमान ने बांग्लादेश में दिए गए पहले सार्वजनिक भाषण में मार्टिन लूथर किंग के शब्दों को अपने संदर्भ में ढालते हुए "मेरी एक योजना है" का नारा दिया. यह भाषण न सिर्फ उनकी राजनीतिक वापसी का संकेत था, बल्कि बांग्लादेश की मौजूदा दिशा पर एक स्पष्ट संदेश भी.

17 मिनट का खास भाषण

तारिक रहमान का यह संबोधन 17 मिनट लंबा रहा. दिलचस्प बात ये रही कि मार्टिन लूथर किंग का ऐतिहासिक भाषण भी इतने ही समय का था. इस दौरान उन्होंने शासन के लिए अपनी प्राथमिकताओं और भविष्य की रणनीति की रूपरेखा रखी, जिससे साफ संकेत मिला कि वे नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं.

नया बांग्लादेश बनाने की अपील

प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे तारिक रहमान ने अपने भाषण में सामाजिक समरसता को केंद्र में रखा. उन्होंने मुसलमानों और हिंदुओं दोनों से मिलकर नया बांग्लादेश बनाने की अपील की. उनका यह संदेश ऐसे समय आया है जब देश का राजनीतिक परिदृश्य विभाजन से जूझ रहा है और कट्टरपंथी इस्लामिस्ट समूहों की गतिविधियां बढ़ती दिखाई दे रही हैं.

बदल रहा बांग्लादेश का राजनीतिक माहौल

मोहम्मद यूनुस प्रशासन के तहत उभरे नए राजनीतिक समीकरणों के बीच तारिक का यह भाषण बेहद अहम माना जा रहा है. एक्सपर्ट के अनुसार, यह भाषण देश में बढ़ते ध्रुवीकरण और अस्थिरता के बीच एक संतुलन साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. तारिक रहमान का यह संदेश भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है. ऐसे समय में जब भारत-बांग्लादेश संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर बताए जा रहे हैं, समावेशिता और स्थिरता पर आधारित यह रुख नई संभावनाओं की ओर इशारा करता है.

सुरक्षित बांग्लादेश की परिकल्पना

इस पृष्ठभूमि में तारिक रहमान ने सभी समुदायों को शामिल करते हुए एक सुरक्षित बांग्लादेश की परिकल्पना सामने रखी. उन्होंने कहा "यहां विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं, जिनमें मुसलमान, बौद्ध, ईसाई और हिंदू शामिल हैं. हम मिलकर एक ऐसा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं जैसा एक मां का सपना होता है." एक सप्ताह के भीतर बांग्लादेश में दो हिंदू दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की हत्या कर दी गई. इस बीच तारिक रहमान का ये भाषण बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लिए उम्मीद एक किरण लेकर आया है.

वर्ल्‍ड न्‍यूज
अगला लेख