क्या बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित हैं? कौन था अमृत मंडल जिसे उगाही के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला?
बांग्लादेश के राजबाड़ी जिले में एक हिंदू युवक अमृत मंडल उर्फ सम्राट की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. आरोप है कि वह कथित रूप से उगाही के लिए एक ग्रामीण के घर पहुंचा था, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया. गंभीर पिटाई के बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला देश के राजबाड़ी ज़िले से सामने आया है, जहां एक हिंदू युवक को कथित तौर पर भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला. मृतक की पहचान अमृत मंडल उर्फ सम्राट के रूप में हुई है. यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है, जब बांग्लादेश पहले से ही राजनीतिक अशांति और हिंसक घटनाओं के दौर से गुजर रहा है.
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स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना बुधवार देर रात करीब 11 बजे राजबाड़ी जिले के पांग्शा उपज़िला स्थित होसेंदंगा गांव में हुई. पुलिस और स्थानीय लोगों के हवाले से बताया गया कि अमृत मंडल अपने कुछ साथियों के साथ गांव के ही निवासी शाहिदुल इस्लाम के घर पहुंचा था. आरोप है कि अमृत मंडल और उसके साथियों ने शाहिदुल इस्लाम से उगाही (एक्सटॉर्शन) की मांग की. जब शाहिदुल और उसके परिजनों ने शोर मचाया, तो गांव के अन्य लोग मौके पर इकट्ठा हो गए. स्थिति बिगड़ती देख अमृत मंडल के साथी वहां से फरार हो गए, लेकिन अमृत को भीड़ ने पकड़ लिया.
भीड़ की पिटाई और मौत
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अमृत मंडल के पास हथियार भी थे. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी. गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पांग्शा सर्कल के सहायक पुलिस अधीक्षक देब्रता सरकार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
कौन था अमृत मंडल?
बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार और प्रथम आलो की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 वर्षीय अमृत मंडल होसेंदंगा गांव का ही निवासी था. स्थानीय स्तर पर वह ‘सम्राट’ नाम से जाना जाता था. पुलिस और ग्रामीणों का दावा है कि अमृत मंडल पर पहले से ही कई आपराधिक आरोप थे. उस पर उगाही और डराने-धमकाने के आरोप लगाए गए थे. एक हत्या का मामला भी उसके खिलाफ दर्ज बताया गया है. उसने कथित तौर पर अपने नाम से एक गिरोह बना रखा था, जिसे इलाके में लोग “आतंकी गिरोह” के तौर पर जानते थे. हालांकि, इन सभी आरोपों की कानूनी पुष्टि अभी जांच के दायरे में है.
एक आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में अमृत मंडल के एक सहयोगी मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, सलीम के पास से अवैध हथियार भी बरामद किए गए हैं. मामले में आगे की जांच जारी है.
बांग्लादेश में बढ़ती भीड़ हिंसा
यह घटना कोई अकेली नहीं है. बीते दिनों बांग्लादेश में भीड़ हिंसा और अराजकता की कई घटनाएं सामने आई हैं. पिछले हफ्ते 27 वर्षीय दीपू चंद्र दास की भीड़ ने हत्या कर दी थी. आरोप है कि पहले उसे पीटा गया, फिर पेड़ से बांधकर जिंदा जला दिया गया. बुधवार को ही ढाका में एक अन्य घटना में फ्लाईओवर से फेंके गए कच्चे बम की चपेट में आने से 20–22 वर्षीय युवक की मौत हो गई. इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में शाहबाग में उस्मान हादी की हत्या को भी अहम माना जा रहा है. 18 दिसंबर को गोली लगने से मारे गए उस्मान हादी पिछले साल के छात्र आंदोलनों में एक प्रमुख चेहरा थे.
अंतरिम सरकार पर सवाल
बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने उस्मान हादी हत्या मामले में त्वरित कार्रवाई का दावा किया है और 10 से अधिक गिरफ्तारियों की बात कही है. लेकिन लगातार सामने आ रही भीड़ हिंसा और अल्पसंख्यकों की मौतों ने सरकार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो बांग्लादेश में सामाजिक और सांप्रदायिक तनाव और गहराने की आशंका है.





