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बांग्लादेश के नोटों पर अब नहीं दिखेंगे शेख मुजीबुर्रहमान, यूनुस सरकार का बड़ा फैसला, जानें किसकी होगी तस्वीर?

मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के निर्देशानुसार केंद्रीय बैंक ने कहा कि Tk20, 100, 500 और 1000 टका के बैंक नोट छापे जा रहे हैं. अब बांग्लादेश के नोटों पर शेख मुजीबुर्रहमान नजर नहीं आएंगे.

बांग्लादेश के नोटों पर अब नहीं दिखेंगे शेख मुजीबुर्रहमान, यूनुस सरकार का बड़ा फैसला, जानें किसकी होगी तस्वीर?
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( Image Source:  freepik )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 6 Dec 2024 10:18 AM IST

शेख हसीना के देश से बाहर जाने के महीनों बाद मोहम्मद यूनुस सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब बांग्लादेश के नोटों पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर्रहमान की फोटो नहीं दिखेगी. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश बैंक ने नए नोट छापना शुरू कर दिया है, जो शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ छात्रों द्वारा किए गए आरक्षण विरोधी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा था.

मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के निर्देशों के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने कहा कि Tk20, 100, 500 और 1000 के बैंक नोट छापे जा रहे हैं. इस पर आलोचकों का कहना है कि मोहम्मद यूनुस का यह कदम मुजीबुर्रहमान की यादों को मिटाने की कोशिश है.

नए नोटो पर किसकी होगी तस्वीर?

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश बैंक ने जुलाई में हुए विद्रोह की विशेषताओं वाले नए नोट छापना शुरू कर दिया है, जो हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ छात्रों द्वारा किए गए आरक्षण विरोधी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा था. नए नोट में धार्मिक संरचनाएं और बंगाली परंपराएं की ग्रैफिटी शामिल कि जाएंगे.

मार्केट में कब आएंगे नए नोट?

बांग्लादेश बैंक की प्रवक्ता और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हुस्नेरा शिखा ने कहा कि प्रिंटिंग का प्रोसेस काफी आगे बढ़ चुका है, जिससे उम्मीद है कि अगले छह महीनों के भीतर नए नोट बाजार में जारी किए जा सकते हैं. केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा कि शुरुआत में केवल चार नोटों के डिजाइन को बदला जा रहा है.

मुजीबुर्रहमान से जुड़ी ये चीजें भी हटाई गईं

15 अगस्त 1975 के दिन शेख मुजीबुर्रहमान को मौत के घाट उतारा गया था. अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश के संस्थापक नेता और पहले राष्ट्रपति मुजीबुर्रहमान का राष्ट्रपति निवास पर लगाया पोट्रेट भी हटा दिया है. इसके अलावा, उनके नाम पर मिलने वाली छुट्टियों की सुविधा को भी खारिज कर दिया है. जुलाई में हुए छात्र आंदोलन के दौरान भी उनकी कई मूर्तियों को तोड़ा गया है.

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