न रहेगी नर्स और न दाई, तो कौन करेगा बच्चों की डिलीवरी? अफगान में नर्सिंग-मिडवाइवरी की पढ़ाई पर रोक
Taliban bans nursing & midwifery education: अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा को बड़ा झटका देते हुए तालिबान ने अपने सर्वोच्च नेता के निर्देश के बाद महिला छात्रों को नर्सिंग और मिडवाइफरी कोर्स की पढ़ाई को बंद कर दिया है. इस कदम से स्वास्थ्य संस्थानों में पढ़ाई कर रहीं 35,000 से अधिक महिलाएं प्रभावित होंगी.

Taliban bans nursing & midwifery education: अफगानिस्तान में जब से तालिबान का शासन हुआ है, तब से देश में उसके कई फैसलों ने वहां रह रहे लोगों को या तो पीछे धकेल दिया है, या फिर देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. तालिबान बढ़ती दुनिया के साथ नहीं, बल्कि इस्लाम के मुताबिक अफगानिस्तान को चलाना चाहता है. ऐसे में नर्सिंग और मिडवाइफरी कोर्स को देश की स्वास्थ्य संस्थानों में बंद करना, एक बड़ा ही शौकिंग फैसला है.
अफ़गानिस्तान में अगल-अगल नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों ने घोषणा की है कि महिला छात्रों को अब कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह निर्णय कथित तौर पर तालिबान के सर्वोच्च नेता की ओर से जारी किए गए निर्देश के बाद लिया गया है, जिसे सोमवार को काबुल में स्वास्थ्य अधिकारियों और शैक्षणिक संस्थानों के निदेशकों के बीच हुई बैठक के दौरान बताया गया था.
तालिबान के फैसले ने बढ़ाई टेंशन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'कोई आधिकारिक पत्र नहीं है लेकिन बैठक के दौरान निदेशकों को सूचित किया गया था कि महिलाएं और लड़कियां अब इन संस्थानों में नहीं पढ़ सकती हैं. कोई कारण नहीं बताया गया. केवल नेता का निर्देश का पालन किया जा रहा है.'
2021 के बाद तालिबान के हाथों में अफगानिस्तान
2021 में तालिबान के फिर से नियंत्रण में आने के बाद से उन्होंने लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय से आगे की शिक्षा लेने से रोक दिया है. नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थान महिलाओं की शिक्षा के लिए बचे हुए कुछ रास्तों में से एक बन गए थे, अब इन संस्थानों में महिला छात्र बहुमत में हैं.
ब्रिटेन के राजदूत ने जताई चिंता
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अफगानिस्तान में ब्रिटेन के राजदूत ने इस निर्णय पर चिंता व्यक्त की, इसे महिलाओं के अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण झटका और अफगान महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच के लिए संभावित खतरा बताया है. इस प्रतिबंध से अफगानिस्तान में पहले से ही संघर्षरत स्वास्थ्य क्षेत्र के और बिगड़ने की आशंका है.