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H-1B Visa और टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मिले जयशंकर, किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूएस विदेश मंत्री मार्को रुबियो से 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान मुलाकात की, जिसमें H-1B वीज़ा मुद्दों और व्यापार संबंधों पर चर्चा हुई. यह बैठक भारत-यूएस संबंधों को पुनः मजबूत करने और द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत को आगे बढ़ाने के प्रयास के तहत हुई. अमेरिका द्वारा भारतीय सामान पर लगाए गए टैरिफ और H-1B वीजा फीस वृद्धि के बाद तनाव बढ़ा था. दोनों पक्षों ने सकारात्मक वार्ता की और संबंधों को स्थिर बनाने का संकल्प जताया.

H-1B Visa और टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मिले जयशंकर, किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
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( Image Source:  X/DrSJaishankar )

S Jaishankar, Marco Rubio Meeting: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से अहम मुलाक़ात की. यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत पर टैरिफ लगाने और H-1B वीज़ा की फीस को 1 लाख डॉलर तक बढ़ाने का आदेश जारी करने के बाद पहली उच्च-स्तरीय बातचीत है. दोनों नेताओं की पिछली मुलाक़ात जुलाई में वॉशिंगटन में हुई थी, जब क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की 10वीं बैठक हुई थी. उससे पहले जनवरी में भी द्विपक्षीय वार्ता हुई थी, लेकिन जुलाई में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाने और रूसी तेल खरीद से जोड़कर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया.

इसके अलावा, H-1B वीजा शुल्क को 1 लाख डॉलर करने के ट्रंप प्रशासन के आदेश ने भारतीय IT सेक्टर और हजारों स्किल्ड वर्कर्स की चिंताएं बढ़ा दी हैं. हालांकि बाद में व्हाइट हाउस ने स्पष्टीकरण दिया कि यह बढ़ोतरी केवल नए आवेदकों पर लागू होगी, मौजूदा वीज़ा धारकों पर नहीं.

रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कवायद

इन विवादों के बीच, दोनों देशों ने बिलैटरल इन्वेस्टमेंट ट्रीटी (BIT) पर चर्चा शुरू की है, ताकि आर्थिक साझेदारी को स्थिरता मिल सके. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 16 सितंबर को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) के अधिकारियों की भारत यात्रा के दौरान 'सकारात्मक बातचीत' हुई.

खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने भी भरोसा जताया कि भारत-अमेरिका के बीच कोई समझौता करने में 'कोई कठिनाई' नहीं होगी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत-अमेरिका रिश्ते और मजबूत होंगे. वहीं, पीएम मोदी ने भी ट्रंप को जवाब देते हुए रिश्तों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई.

अमेरिका-भारत संबंधों पर जोर

सीनेट में हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान, जब सर्जियो गोर को भारत में अमेरिकी राजदूत बनाने पर चर्चा हुई, तो मार्को रुबियो ने भारत को अमेरिका का 'दुनिया में सबसे अहम रिश्तों में से एक' बताया. यह बयान साफ करता है कि वॉशिंगटन भारत को लेकर रणनीतिक दृष्टि से गंभीर है.

जयशंकर और रुबियो की यह मुलाक़ात न केवल H-1B और टैरिफ विवाद को सुलझाने की दिशा में अहम है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि भारत-अमेरिका रिश्तों में उतार-चढ़ाव के बावजूद दोनों देश एक-दूसरे को अपने लिए रणनीतिक रूप से अनिवार्य मानते हैं.

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