नहीं मांगिएगा तो नहीं मिलेगा! विदेश मंत्री जयशंकर की अमेरिका और यूरोप को दो टूक, 'अगर पसंद नहीं तो मत खरीदिए'
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका और यूरोप पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि भारत से तेल खरीदने के लिए कोई मजबूरी नहीं है. "अगर पसंद नहीं तो मत खरीदो." उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के भारत पर 50% टैरिफ और 25% पेनल्टी शुल्क लगाने को अन्यायपूर्ण बताया और चीन को बख्शे जाने पर सवाल उठाया. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत किसानों, छोटे उत्पादकों और अपनी रणनीतिक स्वायत्तता पर कोई समझौता नहीं करेगा.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर अमेरिकी आलोचना का बेबाकी से जवाब दिया है. इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025 में बोलते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा कि अमेरिका और यूरोप को भारत से तेल या पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने के लिए कोई मजबूर नहीं कर रहा. "अगर पसंद नहीं है तो मत खरीदिए," जयशंकर ने तीखे लहजे में कहा. यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगा दिया है, जिसमें अतिरिक्त 25% शुल्क भी शामिल है, और इसकी वजह रूस से भारत के बढ़ते तेल आयात को बताया जा रहा है.
जयशंकर ने इसे न केवल अनुचित बल्कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर चोट करार दिया. उन्होंने कहा कि व्यापार के मुद्दे पर भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा. वहीं, पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के मध्यस्थता के दावे को भी खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत की राष्ट्रीय सहमति का हिस्सा है कि किसी तीसरे पक्ष को हमारे द्विपक्षीय मामलों में जगह नहीं दी जाएगी. उनके इन बयानों ने न केवल भारत की विदेश नीति की दृढ़ता दिखाई, बल्कि अमेरिका के दोहरे मानकों पर भी सवाल खड़े किए.
अमेरिका-भारत विवाद पर जयशंकर की 10 बड़ी बातें
- जयशंकर ने कहा कि यदि अमेरिका और यूरोप को भारत से रिफाइंड तेल या उत्पाद खरीदना पसंद नहीं है तो वे खरीदें ही नहीं. उन्होंने साफ किया कि भारत किसी को खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर रहा.
- जयशंकर ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि जो लोग खुद को प्रो-बिजनेस कहते हैं, वही दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगाते हैं. उनका यह बयान सीधे अमेरिका की आर्थिक नीति और उसकी आलोचना पर था.
- भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी पहली जिम्मेदारी अपने नागरिकों को सस्ती और सुरक्षित ऊर्जा उपलब्ध कराना है. रूस से तेल आयात इसी रणनीति का हिस्सा है.
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर 50% और अतिरिक्त 25% "पेनल्टी टैरिफ" लगाया. भारत ने इसे अनुचित और अन्यायपूर्ण बताते हुए सख्त आपत्ति दर्ज कराई है.
- भारत ने इस पर सवाल उठाया कि चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार होते हुए भी किसी पेनल्टी टैरिफ का शिकार क्यों नहीं है, जबकि भारत को निशाना बनाया जा रहा है.
- जयशंकर ने कहा कि भारत किसी भी व्यापार समझौते में अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं करेगा. यह सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
- ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीजफायर कराने में भूमिका निभाई. जयशंकर ने इसे पूरी तरह नकारते हुए कहा कि भारत अपने पड़ोसी से जुड़े मामलों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा.
- अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी के आरोप के मुताबिक, भारत का रूसी तेल आयात 1% से बढ़कर 42% हो गया है. भारत का तर्क है कि यह ऊर्जा सुरक्षा और महंगाई नियंत्रण के लिए जरूरी है.
- जयशंकर ने कहा कि भारत की विदेश नीति 'रणनीतिक स्वायत्तता' पर आधारित है. यानी भारत किसी भी दबाव में अपनी नीतियां नहीं बदलेगा, बल्कि अपने हितों को सर्वोपरि रखेगा.
- यह विवाद भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव का नया कारण बन रहा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में व्यापार और ऊर्जा को लेकर दोनों देशों के बीच और टकराव देखने को मिल सकता है.