Begin typing your search...

पटना से कुर्स्क: कौन हैं Abhay Kumar Singh, कैसे बन गए रूस के विधायक, क्यों कर हरे हैं भारत से S-500 डील की अपील?

Vladimir Putin India Visit: भारत के पटना शहर में जन्मे रूसी MLA अभय सिंह ने कहा कि नई दिल्ली को मॉस्को से S-500 एयर-डिफेंस सिस्टम मांगना चाहिए. अभय सिंह यूक्रेन की सीमा से लगे रूस के कुर्स्क इलाके को रिप्रेजेंट करते हैं. जानें, वह रूस में क्या करते हैं और वहां जाकर क्यों बस गए?

पटना से कुर्स्क: कौन हैं Abhay Kumar Singh, कैसे बन गए रूस के विधायक, क्यों कर हरे हैं भारत से S-500 डील की अपील?
X

Vladimir Putin Delhi Visit: रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन का 23वें भारत-रूस सालाना समिट के लिए चार दिसंबर को दिल्ली पहुंचने से पहले रूस के कुर्स्क क्षेत्र के विधायक अभय सिंह ने कहा है कि वह चाहते हैं कि भारत S-500 एयर-डिफेंस सिस्टम के लिए जोर दे. भारत की मौजूदा S-400 बैटरी बहुत अच्छा मिसाइल सिस्टम है, लेकिन S-500 लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है और नई दिल्ली के रडार पर ये सिस्टम होनी चाहिए.

प्रेसिडेंट पुतिन की पार्टी के लेजिस्लेटर सिंह ने इंडिया टुडे टीवी से कहा, "S-400 एक बहुत अच्छा मिसाइल सिस्टम है, लेकिन S-500 लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है और इसका इस्तेमाल सिर्फ रूस में हो रहा है. रूस इसे किसी और देश को नहीं दे रहा है. अगर रूस इसे भारत को सप्लाई करने का फैसला करता है, तो भारत इसे पाने वाला पहला देश बन जाएगा. चीन के पास भी यह सिस्टम नहीं है. मुझे लगता है कि भारत को S-500 मिसाइल सिस्टम पाने के लिए काम करना चाहिए. यह भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी. सुखोई-57 भी बहुत अच्छा है."

उनकी यह बात एक ऐसे दौरे से पहले आई है जिसका स्ट्रेटेजिक महत्व है. पुतिन चार साल के गैप के बाद भारत आ रहे हैं. यह समय यूक्रेन युद्ध, भारत द्वारा डिस्काउंट पर रूसी तेल की भारी खरीद और उन इंपोर्ट्स को लेकर यूनाइटेड स्टेट्स के साथ तनातनी की वजह से बना है. 4 से 5 दिसंबर की समिट में डिफेंस कोऑपरेशन, ज्वाइंट टेक्नोलॉजी, न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स, ट्रेड, एग्रीकल्चर और मॉस्को और वाशिंगटन के बीच डिप्लोमैटिक बैलेंस बनाए रखने की भारत की कोशिशों पर बात होने की उम्मीद है.

रूसी विधायक अभय सिंह ने कहा कि पुतिन के दौरे ने "न सि​र्फ भारत में बल्कि रूस में भी बहुत ध्यान और उत्साह पैदा किया है. इससे दोनों देशों के बीच एक बहुत अच्छी स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप बनने की संभावना है."

अभय सिंह सिंह ने कहा, "यह दौरा बहुत ज़रूरी है क्योंकि वह पिछले चार साल से भारत नहीं आए हैं, इसलिए, मुझे लगता है कि यह जरूरी दौरा दोनों देशों के बीच एक बहुत अच्छी स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप बनने वाला है." सिंह ने कहा, उन्होंने हाल ही में विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार का दौरा किया था.

उनके अनुसार, बातचीत में Su-57 जैसे एडवांस्ड फाइटर कोलेबोरेशन, नेक्स्ट-जेनरेशन एयर-डिफेंस सिस्टम, खेती, टेक्नोलॉजी एक्सचेंज और रूस में नौकरी ढूंढ रहे भारतीयों के लिए वर्क परमिट के लिए एक संभावित फ्रेमवर्क पर बात हो सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसे एग्रीमेंट से आपसी फायदे होंगे और आपसी रिश्ते और मज़बूत होंगे.

सिंह ने भारतीय स्किल्ड और सेमी-स्किल्ड वर्कर्स के लिए रूस के उभरते खुलेपन पर भी जोर दिया. उन्होंने दावा किया, पश्चिमी देश 'खासकर यूनाइटेड स्टेट्स' भारतीयों के लिए लंबे समय तक रहना मुश्किल बना रहे हैं.

रूस में उलब्ध अवसर का लाभ उठाएं भारतीय युवा

उन्होंने कहा, "रूस एरिया के हिसाब से सबसे बड़ा देश है, जबकि इंडिया पॉपुलेशन में सबसे आगे है. रूस में वर्कफोर्स की चुनौतियां हैं, जहां एंट्री-लेवल से लेकर इंडस्ट्रीज में लोअर और मीडियम-लेवल पोस्ट के लिए सही स्किल्ड टेक्नीशियन और स्पेशलाइज्ड क्वालिफाइड लोगों की अवेलेबिलिटी में काफी गैप है. यह कमी अलग-अलग सेक्टर्स और स्किल टियर्स पर असर डालती है और इसकी जरूरत व्हाइट-कॉलर और ब्लू-कॉलर दोनों रोल्स तक फैली हुई है." उन्होंने इंडियंस से रूस में उपलब्ध मौके का लाभ उठाने की भी अपील की है.

अपने पॉलिटिकल सफर के बारे में बताते हुए, सिंह ने कहा कि प्रेसिडेंट पुतिन ने उन्हें इंस्पायर किया, लेकिन उन्होंने कुर्स्क रीजन में लोकल वोटर्स को जीतने के लिए इंडियन-स्टाइल ग्रासरूट कैंपेनिंग पर भरोसा किया.

पुतिन से इंस्पायर हैं अभय

उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे कुछ राज्यों में, स्कूल के बच्चे भी पॉलिटिक्स पर डिस्कस करते हैं और उसे समझते हैं. मैं प्रेसिडेंट पुतिन से इंस्पायर हुआ और उनकी पार्टी में शामिल हो गया. दुनिया के उस हिस्से में पॉलिटिकल लीडर्स पब्लिक से ज्यादा मिलते नहीं हैं, लेकिन मैंने 2017 में पहली बार इलेक्शन लड़ते समय इंडियन स्टाइल का इलेक्शन प्रचार फॉलो किया और एरिया में बड़ी संख्या में लोगों से मिलता रहा और लोकल कम्युनिटीज के साथ इंटीग्रेट हुआ." उन्होंने कहा, "मैंने कई पब्लिक मीटिंग कीं, जिससे लोकल लोगों ने मुझे अपना लिया, जिससे मुझे दो बार रिकॉर्ड मार्जिन से चुनाव में जीत मिली. वहां धीरे-धीरे भारतीयों की संख्या बढ़ रही है और मैं उन सभी से पार्टी में शामिल होने, समाज सेवा करने और राजनीति में आगे बढ़ने की अपील करता हूं." उन्होंने उम्मीद जताई कि पुतिन के दौरे से डिफेंस, टेक्नोलॉजी और लेबर मोबिलिटी में गहरा सहयोग बढ़ेगा.

कौन हैं अभय सिंह?

अभय सिंह साल 1991 में पटना से सोवियत संघ मेडिसिन की पढ़ाई के लिए गए थे. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पटना के लोयोला हाई स्कूल से की है. इसके बाद वह कुर्क चले गए थे. कुर्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने के बाद वह डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस करने दोबारा पटना लौटे थे. हालांकि, हालात वैसे नहीं रहे, जैसा वह चाहते थे. ऐसे में उन्होंने फिर कुर्स्क लौटने का फैसला किया और फार्मा बिजनेस में एंट्री की. इसके बाद उन्होंने रूस में रियल ऐस्टेट सेक्टर में भी हाथ आजमाया.

पुतिन समर्थक सिंह का मानना है कि रूस को सॉफ्ट डेमोक्रेसी से नहीं चलाया जा सकता. वह रूस में डेप्युटेट हैं, जो भारत में विधायक के बराबर होता है. वह साल 2017 और 2022 में चुनाव जीत चुके हैं. सिंह इस बात का भी जिक्र करते हैं कि मैं बिहार से हूं और राजनीति हमारे डीएनए में है.

India Newsव्लादिमीर पुतिन
अगला लेख