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H-1B वीजा के नए नियम से भारतीयों पर क्या पड़ेगा असर? जानिए सभी सवालों के जवाब

H-1B वीजा के नए नियम के तहत अब अमेरिका में काम करने वाले नए आवेदकों के लिए 1,00,000 डॉलर का एकमुश्त शुल्क अनिवार्य होगा, लेकिन मौजूदा वीजा धारकों और रिन्यूअल पर इसका कोई असर नहीं होगा. इसका मतलब यह है कि भारत के आईटी और तकनीकी पेशेवर, जो अमेरिका में पहले से काम कर रहे हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, जबकि नए आवेदन करने वालों और कंपनियों के लिए लागत बढ़ जाएगी.

H-1B वीजा के नए नियम से भारतीयों पर क्या पड़ेगा असर? जानिए सभी सवालों के जवाब
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( Image Source:  sora ai )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 21 Sept 2025 2:57 PM

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा H-1B वीजा पर नए नियमों की घोषणा ने अमेरिका और भारत दोनों में ही हलचल मचा दी है. खासकर आईटी और तकनीकी सेक्टर में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों के लिए यह खबर चिंता का विषय बन गई. नया नियम अमेरिका में काम करने वाले नए H-1B वीजा आवेदकों के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का एकमुश्त शुल्क लागू करता है. हालांकि, व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि यह मौजूदा वीजा धारकों पर लागू नहीं होगा.

भारत में इसके प्रभाव को लेकर अफरा-तफरी का माहौल है. एयरपोर्ट्स पर वीजा धारकों की भीड़ बढ़ गई और अमेरिकी दूतावास ने मदद के लिए हेल्पलाइन जारी की है. इस नियम का उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों द्वारा विदेशी कर्मचारियों की भर्ती को नियंत्रित करना और उच्च-कुशल कर्मचारियों के लिए प्राथमिकता देना है.

H-1B वीजा क्या है?

H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को IT, इंजीनियरिंग, मेडिकल और साइंस जैसे विशेष क्षेत्रों में विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देने की अनुमति देता है. यह वीजा आमतौर पर तीन साल के लिए जारी होता है और छह साल तक बढ़ाया जा सकता है.

नए नियम में क्या बदलाव हुआ है?

नई घोषणा के अनुसार, अमेरिका के बाहर के नए H-1B आवेदकों के लिए प्रति आवेदन 1,00,000 डॉलर का एकमुश्त शुल्क देना अनिवार्य होगा. यह शुल्क केवल नए आवेदन पर लागू होगा, मौजूदा वीजा धारकों या रिन्यूअल पर नहीं.

मौजूदा H-1B धारकों पर असर पड़ेगा?

नहीं. व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान वीजा धारक और विदेश में रहने वाले लोग अमेरिका में सामान्य तरीके से प्रवेश और पुनः प्रवेश कर सकते हैं. नए शुल्क का असर केवल आगामी लॉटरी साइकिल और नए आवेदकों पर होगा.

यह शुल्क बार-बार लगेगा या वन-टाइम है?

यह शुल्क एकमुश्त है और केवल वीजा आवेदन के समय ही लागू होगा. कोई वार्षिक या पुनरावृत्ति शुल्क नहीं है.

शुल्क का भुगतान किसे करना होगा?

अमेरिकी कंपनियों को यह शुल्क अपने नए विदेशी कर्मचारियों के H-1B आवेदन के साथ जमा करना होगा. भुगतान का प्रमाण USCIS को आवेदन के साथ देना आवश्यक है.

क्या इस नियम से अमेरिका में दोबारा प्रवेश पर रोक लगेगी?

नहीं. मौजूदा वीजा धारक अमेरिका में आने-जाने में पूरी तरह स्वतंत्र रहेंगे. यह नियम केवल नए आवेदकों और नई लॉटरी साइकिल पर लागू होगा.

कौन से कर्मचारियों को छूट मिल सकती है?

अगर किसी कर्मचारी को राष्ट्रीय हित में नियुक्त किया गया है और इससे अमेरिकी सुरक्षा या कल्याण को खतरा नहीं है, तो होमलैंड सुरक्षा सचिव ऐसे मामलों में छूट दे सकते हैं.

अगर नियम की अनदेखी की जाती है तो क्या होगा?

भुगतान बिना आवेदन को खारिज कर दिया जाएगा और कर्मचारी को अमेरिका में प्रवेश से वंचित किया जा सकता है. संघीय एजेंसियों को अगले 30 दिनों में राष्ट्रपति को सलाह देनी होगी कि क्या नियम को बढ़ाया जाए.

इस नियम का भारत पर क्या असर होगा?

क्योंकि H-1B वीजा धारकों में भारतीयों की संख्या लगभग 70% है, नए शुल्क का असर भारतीय आईटी और तकनीकी पेशेवरों पर होगा. हालांकि मौजूदा कर्मचारियों पर कोई असर नहीं है, नए आवेदकों और कंपनियों के लिए लागत बढ़ जाएगी.

कुल मिलाकर भारतीयों को राहत कब मिलेगी?

व्हाइट हाउस की स्पष्टता और वन-टाइम शुल्क होने के कारण मौजूदा H-1B धारकों को कोई परेशानी नहीं होगी. नए आवेदन करने वाले भारतीय पेशेवरों को शुल्क के साथ आवेदन करना होगा, लेकिन नियम में 30 दिन के भीतर समीक्षा का प्रावधान है.

USCIS का रुख क्या है?

USCIS ने कहा है कि नए शुल्क केवल नई याचिकाओं पर लागू होंगे और पहले जमा की गई याचिकाएं अप्रभावित रहेंगी. इससे हजारों भारतीय पेशेवरों को काम जारी रखने की सुविधा बनी रहेगी.

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