आजाद होने वाला है POK? जनता ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, प्रशासन ने डर से लगा दिया कर्फ्यू
Pakistan News: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी PoK में एक बड़े पैमाने विरोध और आजादी के नारे लगाए जा रहे. अब 29 सितंबर को पाक सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया. इंटरनेट को आधी रात से बैन कर दिया है, जिससे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में रखा जा सके. पाकिस्तान की सरकार और सेना दोनों अलर्ट मोड पर हैं.

Pakistan: रविवार (28 सितंबर) को एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हरा कर जीत अपने नाम की है. इस मैच को लेकर दोनों देशों के बीच काफी उत्साह देखने को मिला. ऑपरेशन सिंदूर के बाद तो मैच और ज्यादा खास हो गया. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) में आजादी के नारे लगाए जा रहे हैं.
पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) में एक बड़े पैमाने विरोध देखने को मिल रहा है. अवामी एक्शन कमेटी (AAC) ने 29 सितंबर से पूरे क्षेत्र में तब तक चलने वाली शटर-डाउन व व्हील-जाम हड़ताल का ऐलान किया है, जिससे तनाव बढ़ गया है. फिर इस्लामाबाद सरकार ने सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया है.
POK में लगा कर्फ्यू
सोमवार को पीओके में लॉकडाउन लगा दिया गया है. इंटरनेट को आधी रात से बैन कर दिया है, जिससे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में रखा जा सके. पाकिस्तान की सरकार और सेना दोनों अलर्ट मोड पर हैं. शनिवार को अधिकारियों ने पीओके के कई शहरों में फ्लैग मार्च भी निकाला. अब कहा जा रहा है कि क्या पीओके पाकिस्तान के कब्जे से आजाद हो जाएगा.
कई जगहों पर पाबंदी
नागरिक विरोधों को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने भारी संख्या में पीओके में सुरक्षा बलों की तैनाती की है. पंजाब से बड़ी संख्या में सैनिकों को भेजा गया है, और प्रमुख शहरों में फ्लैग मार्च किए गए हैं. शनिवार और रविवार को पुलिस ने इन शहरों में आने-जाने वाले प्रमुख रास्तों को सील कर दिया. साथ ही संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी है. द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट मुदस्सर फारूक ने कहा, शांति नागरिकों और प्रशासन की सामूहिक जिम्मेदारी है.
क्या है विरोध की वजह?
पीओके की जनता के विरोध पर नेताओं का बयान सामने आया. अवामी एक्शन कमेटी के नेता शौकत नवाज मीर ने कहा है कि अब लोगों का धैर्य समाप्त हो चुका है. उन्होंने बताया कि यह आंदोलन सरकार की लगातार उपेक्षा, भ्रष्टाचार और अत्याचार का परिणाम है. यहां के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और अन्य आवश्यकताओं से वंचित हैं. ऐसे में जनता अब अपने अधिकारों की लड़ाई सड़क पर उतरकर लड़ने के लिए तैयार है.