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ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्‍तान के बच्‍चे पढ़ रहे झूठ का पाठ, 'प्रोपेगेंडा मास्‍टर' ने नए करिकुलम में गढ़े फर्जी किस्‍से

पाकिस्तान ने अपनी स्कूली किताबों में भारत से हुई 4 दिन की जंग को जीत का रूप देकर पेश किया है, जबकि असलियत में उसे भारी नुकसान झेलना पड़ा था. नई किताबों में युद्ध की वास्तविक तस्वीर गायब कर दी गई है और छात्रों को सिर्फ एकतरफा कहानी पढ़ाई जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे आने वाली पीढ़ियां इतिहास की सच्चाई से अनजान रहेंगी और पाकिस्तान की हार को हमेशा के लिए दबा दिया जाएगा.

ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्‍तान के बच्‍चे पढ़ रहे झूठ का पाठ, प्रोपेगेंडा मास्‍टर ने नए करिकुलम में गढ़े फर्जी किस्‍से
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( Image Source:  Sora AI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 24 Sept 2025 5:58 PM

मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चार दिन के संघर्ष को लेकर अब इस्लामाबाद ने नया प्रोपेगेंडा चला है. ज़मीनी और हवाई मोर्चे पर हार झेलने के बाद पाकिस्तान ने इतिहास को पलट कर लिखने की कोशिश शुरू कर दी है. हालात ऐसे हैं कि अब पाकिस्तान के स्कूलों की किताबों में इस छोटे लेकिन निर्णायक युद्ध की झूठी कहानियां पढ़ाई जा रही हैं.

इन किताबों में दावा किया गया है कि भारत ने पहले हमला किया, पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेस तबाह कर दिए और आखिरकार भारत को “घुटनों के बल बैठकर” शांति की भीख मांगनी पड़ी. सच यह है कि यह पूरा नैरेटिव झूठ और कल्पना पर आधारित है. भारत ने इस चार दिनी जंग में आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया, पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त किया और उनके एयरबेस को महीनों के लिए निष्क्रिय कर दिया. आइए पाकिस्‍तान की इन झूठी बातों पर एक-एक कर नजर डालते हैं.

1. पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेस तबाह कर दिए

किताबों में सबसे बड़ा झूठ यह गढ़ा गया कि पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेस तबाह कर दिए. दावा किया गया कि ‘ऑपरेशन बुंयान-उल-मरसूस’ के तहत भारतीय ठिकाने राख में बदल गए. जबकि वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोन का बड़ा हिस्सा भारतीय एयर डिफेंस ने रास्ते में ही खत्म कर दिया. इसके उलट, भारत ने मुरीदके, नूर खान, रफीक़ी, सरगोधा, चकला और रहीम यार खान एयरबेस पर सटीक हमले किए. सैटेलाइट इमेज और OSINT रिपोर्ट्स ने नुकसान की पुष्टि भी की. रहीम यार खान आज तक बंद पड़ा है, जो सबूत है कि पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ.

2. भारत ने शांति की भीख मांगी

एक और गढ़ी हुई कहानी यह है कि युद्ध के बाद भारत ने शांति की भीख मांगी. किताबों में बताया गया कि पाकिस्तान के दबाव से टूटकर भारत अमेरिका के दरवाजे पहुंचा. जबकि हकीकत यह है कि 10 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने युद्धविराम की सलाह दी थी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठुकरा दिया. उन्होंने साफ कहा कि अगर पाकिस्तान नहीं रुका, तो भारत और कड़ा जवाब देगा. बाद में दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच सीधी बातचीत से संघर्ष विराम हुआ. अमेरिका ने सोशल मीडिया पर श्रेय लेने की कोशिश की, लेकिन भारत ने बार-बार कहा कि उसका इसमें कोई हाथ नहीं था.

3. फील्ड मार्शल का खिताब “बहादुरी” के लिए

इतिहास पलटने की तीसरी कोशिश जनरल असीम मुनीर की पदोन्नति को लेकर की गई. पाठ्यपुस्तकों में लिखा गया कि जंग जीतने पर उन्हें "फील्ड मार्शल" बना दिया गया. असलियत यह है कि यह सैन्य कौशल का इनाम नहीं बल्कि राजनीतिक स्टंट था. जनता को यह यकीन दिलाने और सेना की पकड़ मजबूत करने के लिए उन्हें यह रैंक दिया गया. सच तो यह है कि इस चार दिनी संघर्ष में पाकिस्तान को भारी सैन्य और रणनीतिक नुकसान उठाना पड़ा.

4. पाकिस्तानी सेना ने केवल सैन्य ठिकाने निशाना बनाए

इसके अलावा किताबों में यह भी दर्ज है कि पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में सिर्फ भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. जबकि असलियत बिल्कुल उलटी थी. पाकिस्तान ने अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर जैसे कई नागरिक इलाकों में ड्रोन और मिसाइलें दागीं. इसके जवाब में भारत ने लाहौर में HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त कर दिया और इस्लामाबाद तक गहरी चोट पहुंचाई.

5. भारत ने पहले हमला किया

सबसे पहली और बुनियादी झूठी कहानी यह थी कि भारत ने पहले हमला किया. पाकिस्तान ने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले का झूठा आरोप लगाकर 6 मई को सैन्य आक्रामकता दिखाई. जबकि हकीकत यह है कि उसी दिन पाक समर्थित आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी. इसके बाद 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू कर पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक प्रहार किया.

पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा पैटर्न

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने हार को जीत में बदलने की कोशिश की है. 1947, 1965, 1971 और कारगिल युद्ध - हर बार पाकिस्तान की जनता को आधा सच या झूठ परोसा गया. अब यह सिलसिला पाठ्यपुस्तकों तक पहुंच गया है. विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान की सेना और सरकार युवा पीढ़ी को झूठ सिखाकर राष्ट्रवाद की नकली परिभाषा गढ़ना चाहती है. इससे भविष्य की पीढ़ी भी भारत-विरोधी मानसिकता के साथ बड़ी होगी.

भारत की असली जीत

मई 2025 की चार दिनी जंग का असली नतीजा यही था कि भारत ने आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया, पाकिस्तान के आधुनिक एयर डिफेंस को खत्म किया, एयरबेसों पर इतनी गहरी चोट पहुंचाई कि महीनों तक वे काम नहीं कर पाए, और सबसे अहम, दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा.

पाकिस्तान की नई किताबें बच्चों को सिखाती हैं कि “भारत झुक गया, पाकिस्तान जीता।” हकीकत इसके उलट है। हार के बावजूद उसे “विजय गाथा” बनाकर पेश करना, पाकिस्तान की पुरानी आदत है.

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