जो कल टैंक पर चढ़कर गरजा था, आज बंकर में दुबका है... Operation Sindoor के बाद कहां छुपा है पाक आर्मी चीफ?
भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को नेस्तनाबूद कर दिया है. 26 नागरिकों की हत्या के बदले में हुई इस सटीक कार्रवाई के बाद पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर गायब हैं. जो पहले जंग के नारे दे रहे थे, वे अब खामोश हैं. यह चुप्पी पाकिस्तान की विफल ‘आतंक नीति’ की करारी हार का संकेत है.

भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न सिर्फ़ पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को ध्वस्त किया, बल्कि वहां की सेना और उसकी कथित रणनीतिक गहराई को भी बेनकाब कर दिया. 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले का जवाब सिर्फ़ सैन्य नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था कि भारत अब प्रतीक्षा नहीं करेगा. पाकिस्तान की ज़मीन पर मौजूद आतंकी ठिकानों को खत्म कर भारत ने साफ़ कर दिया है कि अब हर गोली का जवाब सीमा पार तक जाएगा.
भारत के इस एक्शन के बाद जिस बात ने सबका ध्यान खींचा, वह था पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की रहस्यमय चुप्पी का. जो शख्स कुछ दिन पहले तक भारत को जिहादी अंदाज़ में ललकार रहा था, वह अब न किसी कैमरे के सामने दिख रहा है, न ही किसी मोर्चे पर. पाक मीडिया और राजनीति में भी उनकी अनुपस्थिति एक बड़ा सवाल बन गई है.
दांव पड़ा उल्टा
मुनीर की चुप्पी सिर्फ डर का नतीजा नहीं, बल्कि एक असहज स्वीकारोक्ति है कि पाकिस्तान की पारंपरिक ‘स्ट्रैटजिक एसेट’ नीति यानी आतंकवाद को विदेश नीति का औजार बनाना अब उल्टा पड़ गया है. भारत की इस आक्रामक नीति ने इस्लामाबाद की कूटनीति और रावलपिंडी की सैन्य प्रतिष्ठा दोनों को गहरे संकट में डाल दिया है.कई वीडियो है वायरल
पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में तबाही की तस्वीरें वायरल हैं. जहां सिविलियन इन्फ्रास्ट्रक्चर, आतंकियों के ठिकाने, यहां तक कि मस्जिद और प्रशासनिक इमारतें भी धूल में मिल चुकी हैं. वहीं पाकिस्तान की जनता यह पूछ रही है कि मुनीर साहब अब कहां छिपे हैं? जो ‘हर इंच ज़मीन की रक्षा’ की बात करते थे, वे अब अपनी आवाज़ तक नहीं उठा पा रहे.
पाक सेना के ख़िलाफ़ है नाराज़गी
जनरल मुनीर की रणनीति अब उनके खिलाफ ही जाती दिख रही है. बलूचिस्तान से लेकर खैबर तक सेना के ख़िलाफ़ नाराज़गी और विद्रोह की खबरें हैं. आतंकी संगठनों की खुली पैरवी करने वाली सेना अब अपने अंदरूनी मोर्चे पर भी बिखरती नजर आ रही है. यह सब कुछ एक ऐसे वक़्त में हो रहा है जब अर्थव्यवस्था गर्त में है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की साख लगातार गिर रही है.
भारत करता है न्याय की कार्रवाई
भारत की रणनीति अब सिर्फ़ रक्षात्मक नहीं रही. नई दिल्ली अब 'डिफेंसिव डिप्लोमेसी' की जगह 'प्रोएक्टिव डिटरेंस' पर काम कर रही है. ऑपरेशन सिंदूर इसका जीवंत उदाहरण है, जहां आतंकी हमला होते ही जवाबी कार्रवाई की गई और वो भी सीधे दुश्मन की ज़मीन पर. भारत ने यह साबित कर दिया कि अब वह सिर्फ़ शांति की अपील नहीं, बल्कि न्याय की कार्रवाई करेगा.
डैमेज कंट्रोल कर रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान सेना की तरफ़ से जारी बयान भी अब घबराहट और डैमेज कंट्रोल से भरे होते हैं. एक तरफ़ सेना यह मानने को तैयार नहीं कि कोई भारतीय विमान उनकी सीमा में दाख़िल हुआ, वहीं दूसरी ओर वह इन हमलों में हुई तबाही की पुष्टि भी नहीं कर पा रही. यह दोहरी चाल अब काम नहीं आ रही.
नहीं बची वो ताक़त
अंत में, आसिम मुनीर की यह चुप्पी पाकिस्तान के उस अतीत का अंत है, जिसमें सेना आतंकवाद को ढाल बनाकर खुद को ‘नायक’ साबित करती थी. अब जब भारत ने उन ढांचों को गिरा दिया है, तो पाकिस्तानी सेना और उसके मुखिया के पास न रणनीति बची है, न भरोसा. और शायद न ही वो ताक़त, जिससे वह अब भारत की आंखों में आंख डालकर बात कर सकें.