मुख्यमंत्री बना दो.....बहराइच में कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को पुलिस ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर, अब SP पर होगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पुलिस परेड ग्राउंड पर प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने का मामला जोरदार विवाद का विषय बन गया है. दिसंबर 2025 में सामने आई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें बहराइच के पुलिस अधीक्षक (SP) आरएन सिंह खुद परेड की अगुवाई करते और कथावाचक को सलामी देते नजर आ रहे हैं. यह घटना सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग, प्रोटोकॉल उल्लंघन और धर्म-राज्य अलगाव के सिद्धांत पर गंभीर सवाल उठा रही है.
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. यहां पुलिस परेड ग्राउंड का इस्तेमाल एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए किया गया और प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को पुलिसवालों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद राजनीतिक पार्टियां और लोग काफी गुस्से में हैं. बहराइच के पुलिस परेड ग्राउंड पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें मथुरा-वृंदावन के मशहूर युवा कथावाचक आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था.
वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि बहराइच के पुलिस अधीक्षक (SP) आरएन सिंह खुद परेड की अगुवाई कर रहे हैं. लाल कालीन (रेड कार्पेट) बिछाया गया है. कथावाचक एक सफेद गाड़ी से उतरते हैं, पुलिसकर्मी उन्हें सलामी देते हैं और पूरी परेड उनके सम्मान में आयोजित की जाती है. कथावाचक ने खुद पोडियम से पुलिसकर्मियों को संबोधित भी किया. यह सब देखकर लोग हैरान हैं कि पुलिस ग्राउंड और पुलिस बल का इस्तेमाल इस तरह कैसे हो सकता है.
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पुलिस ने क्या सफाई दी?
विवाद बढ़ने के बाद बहराइच पुलिस ने अपना पक्ष रखा। पुलिस का कहना है कि पुलिस ट्रेनिंग के दौरान कई नए पुलिसकर्मी मानसिक तनाव और डिप्रेशन की वजह से इस्तीफा दे देते हैं. हाल ही में ऐसे 28 मामले सामने आए थे. इन पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने, तनाव दूर करने और उन्हें प्रेरणा देने के लिए आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को बुलाया गया था. वे योग, ध्यान और प्रेरक व्याख्यान देते हैं, जो पुलिसवालों के लिए फायदेमंद साबित हुआ. पुलिस का दावा है कि इससे ट्रेनिंग करने वालों में आत्मविश्वास बढ़ा और वे अपनी ड्यूटी के प्रति ज्यादा समर्पित हुए. लेकिन विपक्षी पार्टियां इस सफाई से खुश नहीं हैं और इसे बहाना बता रही हैं.
क्या रहा सोशल मीडिया यूजर्स का रिएक्शन
अब इस वीडियो के वायरल होने बाद यूजर्स ने पुंडरीक गोस्वामी पर कई सवाल उठाए है. एक ने कहा, 'कथा वाचक ने देश के लिए कौन सा युद्ध लड़ा था.' दूसरे ने कहा, 'अब ये भी बता दीजिए कि इन्होंने पुलिस में कौन सी सेवा की है. जब एक मुस्लिम को सिर्फ लड़कियों को सही मैसेज देने पर लाइन हाजिर कर दिया जाता है तो ये क्या है सिर्फ अंध विश्वाश पर ही पुलिस चल रही है.' तीसरे ने कहा, 'वाह अब व्यवस्था यह काम भी करने लगी. जल्द ही मुख्यमंत्री बना दिया जाये तो शायद ज्यादा बेहतर होगा.' एक अन्य ने कहा, 'धार्मिक सम्मान अगर नियमों से ऊपर होने लगें, तो सवाल उठना लाज़मी है. जनता ने पुलिस को सुरक्षा के लिए खड़ा किया है, गार्ड ऑफ ऑनर बाँटने के लिए नहीं.'
राजनीतिक पार्टियों की तीखी प्रतिक्रियाएं
इस मामले पर विपक्ष ने जोरदार हमला बोला है. नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी (भीम आर्मी) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत कोई मठ या धर्मस्थल नहीं है, बल्कि एक संवैधानिक गणराज्य है. राज्य किसी एक धर्म की संपत्ति नहीं है. एक साधारण कथावाचक को पुलिस परेड और सलामी देना संविधान पर सीधा हमला है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके 'रामराज्य' में आस्था को संविधान से ऊपर रखा जा रहा है. चंद्रशेखर ने सवाल उठाए कि पुंडरीक गोस्वामी कौन सा संवैधानिक पद पर हैं? किस नियम या कानून के तहत उन्हें यह सम्मान मिला? समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी इसे संविधान और बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान बताया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जब पूरा पुलिस विभाग सलामी देने में व्यस्त रहेगा, तो अपराधी खुशी से अपराध करते रहेंगे. पुलिस अपना असली काम छोड़कर ऐसी चीजों में समय बर्बाद कर रही है. उन्होंने पूछा कि इस घटना का संज्ञान लेने वाला कोई है या नहीं.
पुलिस महानिदेशक (DGP) का एक्शन
विवाद बढ़ने और सोशल मीडिया पर हंगामा होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (DGP) ने खुद इस मामले का संज्ञान लिया. DGP कार्यालय ने साफ कहा कि पुलिस परेड ग्राउंड का इस्तेमाल सिर्फ पुलिस ट्रेनिंग, अनुशासन और आधिकारिक समारोहों के लिए ही किया जा सकता है. किसी गैर-आधिकारिक या अनधिकृत कार्यक्रम के लिए इसका उपयोग गलत है. इसलिए बहराइच के SP आरएन सिंह से पूरा स्पष्टीकरण मांगा गया है. सूत्र बताते हैं कि SP पर सख्त कार्रवाई भी हो सकती है.
कौन हैं पुंडरीक गोस्वामी?
आचार्य पुंडरीक गोस्वामी वृंदावन के एक युवा और लोकप्रिय कथावाचक हैं. वे मात्र सात साल की उम्र से श्रीमद् भागवत कथा सुना रहे हैं. उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और देश-विदेश में अपनी कथाओं के लिए मशहूर हैं. वे भक्ति, योग और प्रेरणा की बातें करते हैं. पहले भी वे पुलिसवालों के लिए ऐसे सेशन कर चुके हैं. यह पूरा मामला सरकारी संसाधनों के गलत इस्तेमाल, प्रोटोकॉल के उल्लंघन और धर्म व राज्य को अलग रखने के सिद्धांत पर सवाल उठा रहा है. आचार्य पुंडरीक गोस्वामी शादीशुदा हैं उनकी पत्नी का नाम रेणुका पुंडरीक गोस्वामी है. रेणुका चंडीगढ़ के पंचकूला की रहने वाली हैं और पूर्व नेशनल लेवल की हॉकी खिलाड़ी रही हैं. वे निमाई पाठशाला की फाउंडर हैं, जहां हजारों बच्चों को गीता, भागवत और आध्यात्मिक शिक्षा दी जाती है. भक्त उन्हें प्यार से 'मैया' कहते हैं और वे आध्यात्मिक कार्यों में सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं. उनके तीन बच्चे हैं दो बेटियां तथ्या, तान्या बेटा भावभूति गोस्वामी.





