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न खाना न पानी, फिर भी 5 दिन तक मलबे के नीचे दबे रहने के बावजूद जिंदा निकला टीचर, जानें कैसे किया सर्वाइव

म्यांमार में आए भूकंप ने हजारों लोगों की जान ली और कई लोग घायल हो गए, लेकिन मलबे में पांच दिनों तक होटल के बेड के नीचे दबे रहने के बावजूद टीचर टिन माउंग ह्टवे जिंदा हैं. जब यह भूंकप आया तब वह सागाइंग में ट्रेनिंग ले रहे थे.

न खाना न पानी, फिर भी 5 दिन तक मलबे के नीचे दबे रहने के बावजूद जिंदा निकला टीचर, जानें कैसे किया सर्वाइव
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( Image Source:  AI: Representative Image )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 28 Nov 2025 4:49 PM IST

म्यांमार में आए भूकंप ने हजारों लोगों की जान ली और कई लोग घायल हो गए, लेकिन मलबे में पांच दिनों तक होटल के बेड के नीचे दबे रहने के बावजूद टीचर टिन माउंग ह्टवे जिंदा हैं. जब यह भूंकप आया तब वह सागाइंग में ट्रेनिंग ले रहे थे.

सागाइंग भूकंप के केंद्र के सबसे नजदीक था. इसके कारण वहां तबाही का मंजर भयावह था. जहां बड़ी-बड़ी इमारते गिर कर तहस-नहस हो गई. चारों ओर सिर्फ मलबा ही मलबा था. इतना ही नहीं, सागाइंग जाने वाली सड़क पर बड़ी-बड़ी खाइयां हो गई थी. इसके चलते ट्रैफिक जाम हो गया और पीड़ितों की मदद के लिए रेस्क्यू टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

स्कूल में पढ़ाई बात आई याद

उन्हें इस भूंकप में दो चीजों ने बचाया. एक स्कूल में पढ़ी हुई बातें और दूसर यूरीन. इस दौरान उन्हें दशकों पुरानी स्कूली शिक्षा याद आ गई कि अगर दुनिया हिलने लगे तो बिस्तर के नीचे चले जाना चाहिए. इस पर टिन ने बताया कि जैसे ही वह बेड के नीचे गए. तुरंत होटल गिर गया और मैं उसके नीचे ब्लॉक हो गया. मैं सिर्फ बचाओ-बचाओ कह रहा था.

यूरीन पीकर रहे जिंदा

वह जिस गेस्टहाउस में रूके हुए थे. वह ईंटों और मुड़ी हुई धातु की पट्टियों के ढेर में तब्दील हो गया था. इस गेस्ट हाउस की ऊपरी मंजिल टूट गई थी और टिन नीचे के कमरे में थे. इस पर टिन ने बताया कि उस समय उन्हें लगा कि वह नरक में हैं. इस दौरान मेरा बॉडी टेंपरेचर बढ़ता जा रहा था और मुझे पानी चाहिए था, लेकिन मुझे कहीं से भी पानी नहीं मिला. ऐसे में मैंने अपने शरीर से निकलने वाले फ्लूइड से करनी पड़ी.

नहीं थी जीवित रहने की उम्मीद

लोकल लोगों का कहना है कि म्यांमार रेड क्रॉस में लोगों के शव बरामद किए जा रहे थे. जहां उन्हें किसी के जिंदा होने की उम्मीद नहीं थी. ऐसे में जब टिन को मलबे से बाहर निकाला गया, तो उसकी बहन ने टीचर की पहचान की.

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