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BIMSTEK सम्मलेन में खाना खाने साथ बैठे लेकिन पीएम मोदी से बातचीत कर पाएंगे मोहम्मद यूनुस?

थाईलैंड में बिम्सटेक डिनर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस पहली बार आमने-सामने बैठे. दोनों देशों के बीच हाल ही में रिश्तों में तनाव रहा है, खासकर यूनुस की चीन में पूर्वोत्तर भारत पर की गई टिप्पणी के बाद. संभावित द्विपक्षीय बैठक से मतभेदों को सुलझाने की उम्मीद है, जिससे रिश्तों में नई शुरुआत हो सकती है.

BIMSTEK सम्मलेन में खाना खाने साथ बैठे लेकिन पीएम मोदी से बातचीत कर पाएंगे मोहम्मद यूनुस?
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 4 April 2025 9:58 AM IST

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस पहली बार आमने-सामने बैठे दिखाई दिए. प्रधानमंत्री मोदी, यूनुस और नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के बीच बैठे थे. यह दृश्य तब आया जब भारत और बांग्लादेश के बीच बीते कुछ महीनों से रिश्तों में तनाव देखने को मिला है.

पिछले साल शेख हसीना की सरकार हटने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा. भारत द्वारा हसीना को राजनीतिक शरण देने की खबरों और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए कथित हमलों को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद पैदा हुए. यही कारण है कि बांग्लादेश ने बिम्सटेक सम्मेलन के मौके पर द्विपक्षीय बैठक की पहल की.

हो सकती है बातचीत

ढाका ने स्पष्ट रूप से बिम्सटेक सम्मेलन के दौरान भारत से औपचारिक द्विपक्षीय बातचीत का अनुरोध किया था. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में इस बैठक का ज़िक्र पहले नहीं था. बाद में खबर आई कि शुक्रवार को शिखर सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हो सकती है, जो अगस्त 2025 में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद पहली औपचारिक बैठक होगी.

यूनुस की टिप्पणी से भड़की बहस

भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में ताज़ा खटास उस समय और बढ़ गई जब यूनुस ने चीन में दिए एक बयान में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को 'लैंडलॉक्ड' कहकर बांग्लादेश को "समुद्र तक पहुंच का एकमात्र मार्ग" बताया. उन्होंने इसे चीन के लिए एक आर्थिक अवसर बताया, जिससे भारत के राजनीतिक गलियारों में नाराज़गी देखी गई.

जयशंकर ने क्या दिया जवाब?

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बिम्सटेक की विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र अब एक "कनेक्टिविटी हब" के रूप में उभर रहा है, जहां सड़कों, रेलवे, जलमार्गों और ऊर्जा ग्रिड का मजबूत नेटवर्क बन रहा है. यह बयान यूनुस की टिप्पणी का सीधा उत्तर माना गया.

'ईमानदार इरादे' या रणनीतिक संकेत?

यूनुस के कार्यालय ने सफाई दी कि उनका बयान 'ईमानदार इरादों' से था, लेकिन उसे तोड़ा-मरोड़ा गया. हालांकि यह भी तथ्य है कि उन्होंने यह बात चीन की धरती पर कही, जो स्वयं भारत के साथ भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में है. इससे भारत में संदेह और चिंता दोनों स्वाभाविक रूप से बढ़े.

कूटनीतिक रास्तों की तलाश में दोनों देश

बिम्सटेक डिनर में एक-दूसरे के पास बैठना और शुक्रवार की संभावित बैठक इस बात के संकेत हैं कि दोनों देश आपसी मतभेदों को शांतिपूर्ण बातचीत से सुलझाना चाहते हैं. भारत के लिए बांग्लादेश सिर्फ एक पड़ोसी नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर के साथ रणनीतिक कनेक्टिविटी का अहम द्वार भी है. आने वाले दिनों में यह बातचीत दोबारा भरोसा बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.

नरेंद्र मोदीवर्ल्‍ड न्‍यूज
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