भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद टेक्टोनिक प्लेटों के खिसकने या अचानक ऊर्जा मुक्त होने के कारण आता है. जब ये प्लेटें टकराती या अलग होती हैं, तो ऊर्जा भूकंपीय तरंगों के रूप में सतह तक पहुंचती है, जिससे जमीन हिलने लगती है.
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है. 4.0 या उससे कम तीव्रता के भूकंप सामान्यतः हल्के झटकों के रूप में महसूस होते हैं, जबकि 7.0 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप विनाशकारी हो सकते हैं. इनसे इमारतें ढह सकती हैं, सड़कें टूट सकती हैं, और जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है.
भूकंप आने के प्रमुख कारणों में टेक्टोनिक गतिविधियां, ज्वालामुखी विस्फोट, खदानों में विस्फोट और मानव निर्मित गतिविधियां (जैसे बांधों में पानी भरना) शामिल है. भूकंप से बचाव के लिए भूकंपीय क्षेत्रों में मजबूत इमारतों का निर्माण, आपातकालीन योजनाएं और भूकंप सुरक्षा ड्रिल्स जरूरी है. ऐसी आपदाओं से बचने के लिए सतर्कता और वैज्ञानिक उपायों को अपनाना जरूरी है.