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म्यांमार के बाद अब नेपाल में भूकंप के झटके, भारत के इन हिस्सों की भी डोली धरती; जानें तीव्रता

Nepal Eearthquake: म्यांमार के बाद अब नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.0 मापी गई. भूकंप का केंद्र नेपाल के पूर्वी इलाके में था और यह झटका सुबह 7:52 बजे के आसपास महसूस किया गया.

म्यांमार के बाद अब नेपाल में भूकंप के झटके, भारत के इन हिस्सों की भी डोली धरती; जानें तीव्रता
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 4 April 2025 9:01 PM IST

Nepal Eearthquake: म्यांमार के बाद अब नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.0 मापी गई. भूकंप का केंद्र नेपाल के पूर्वी इलाके में था और यह झटका सुबह 7:52 बजे के आसपास महसूस किया गया.

फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है. लगातार भूकंप के झटकों ने लोगों में दहशत का माहौल बना दिया है. प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आपदा राहत दल अलर्ट पर हैं. जबकि उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में भी हल्के झटके महसूस किए गए.

नेपाल में सबसे विनाशकारी भूकंप 2015 में आया था, जब 7.8 तीव्रता के भूकंप ने 9,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी और दस लाख से अधिक इमारतों को नुकसान पहुंचाया था. बता दे कि, नेपाल में आए भूकंप का केंद्र बिंदु पश्चिमी नेपाल में था. यह 20 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था. इस भूकंप के हल्के झटके उत्तर भारत के कई हिस्सों, विशेषकर दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में भी महसूस किए गए. अब तक, किसी बड़े नुकसान या हताहत की सूचना नहीं मिली है.

यह घटना क्षेत्र की भूकंपीय गतिविधियों की संवेदनशीलता को दर्शाती है, खासकर हिमालयी क्षेत्र में. हाल ही में, 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसमें 3,085 लोगों की मृत्यु हुई और 4,715 से अधिक लोग घायल हुए.

भूकंप के दौरान और बाद में सतर्क रहना महत्वपूर्ण है. यदि आप भूकंप के समय किसी इमारत के अंदर हैं, तो वहीं रहें और किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे शरण लें. वहीं, अगर आप बाहर हैं, तो इमारतों, पेड़ों और बिजली की लाइनों से दूर खुले स्थान पर चले जाएं. यदि आप वाहन चला रहे हैं, तो सुरक्षित स्थान पर रुकें और वाहन के अंदर ही रहें. अधिक जानकारी और सुरक्षा निर्देशों के लिए स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के निर्देशों का पालन करें.

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