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भूकंप के झटकों से हिले भारत के ये दो पड़ोसी देश, हिमालयी क्षेत्रों में दहशत; जानें कितनी रही तीव्रता

भारत के दो पड़ोसी देशों चीन के तिब्बत और नेपाल में कुछ ही घंटों के अंतराल में भूकंप के झटके महसूस किए गए. तिब्बत में सुबह 9:27 बजे 4.2 तीव्रता का भूकंप आया, जबकि नेपाल में सुबह 1:33 बजे 4.3 तीव्रता का झटका दर्ज किया गया. दोनों घटनाओं में अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.

भूकंप के झटकों से हिले भारत के ये दो पड़ोसी देश, हिमालयी क्षेत्रों में दहशत; जानें कितनी रही तीव्रता
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 23 May 2025 10:14 AM IST

भारत के दो पड़ोसी देशों चीन के तिब्बत और नेपाल में शनिवार को भूकंप के झटकों ने लोगों को डरा दिया. सुबह 9:27 बजे भारतीय समयानुसार तिब्बत में रिक्टर स्केल पर 4.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार भूकंप का केंद्र जमीन के भीतर अपेक्षाकृत कम गहराई पर था, जिससे आसपास के क्षेत्रों में झटकों की तीव्रता ज्यादा महसूस की गई। हालांकि अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है.

इसके कुछ घंटे पहले सुबह 1:33 बजे नेपाल में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया. यह झटका पिछले कुछ हफ्तों में नेपाल में महसूस किए गए कई भूकंपों की श्रृंखला का हिस्सा है. विशेषज्ञों के मुताबिक यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील है और यहां नियमित अंतराल पर हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं. दोनों देशों में भूकंप आने से भारत के सीमावर्ती इलाकों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. Geologists और प्रशासन हालात पर नज़र बनाए हुए हैं.

भूस्खलन में चार लोगों की मौत

इसी के साथ चीन के दक्षिण-पश्चिमी इलाके से एक और भयावह समाचार आया, जहां भारी भूस्खलन के चलते चार लोगों की मौत हो गई और 17 से अधिक लोग मलबे में फंस गए. लगातार हो रही भूकंपीय हलचलों और प्राकृतिक आपदाओं ने पूरे हिमालयी क्षेत्र की संवेदनशीलता को एक बार फिर उजागर कर दिया है. राहत दल घटनास्थलों पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.

भूकंप क्यों आते हैं?

पिछले कुछ समय में देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भूकंप की घटनाओं में तेज़ी आई है. इसकी सबसे बड़ी वजह पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद सात टेक्टोनिक प्लेट्स की गतिविधियाँ हैं. ये प्लेट्स लगातार गतिशील रहती हैं और जब ये आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं, तो धरती की सतह पर तेज़ झटके महसूस होते हैं. यही झटके भूकंप कहलाते हैं. इस प्राकृतिक आपदा का सबसे बड़ा असर आम जनजीवन पर पड़ता है. कई बार भूकंप इतनी तीव्रता के होते हैं कि इमारतें गिर जाती हैं और लोग मलबे में दब जाते हैं, जिससे भारी जनहानि होती है. ऐसे हादसे न सिर्फ जीवन को प्रभावित करते हैं बल्कि सामाजिक और आर्थिक ढांचे को भी गंभीर रूप से चोट पहुंचाते हैं.

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