क्या तुमने अंडरवियर पहना है.... 2 साल पहले भारतीय मूल के ड्राइवर ने नाबालिग का किया था रेप, अब न्यूजीलैंड में मिली सजा
न्यूज़ीलैंड की शांत सड़कों पर देर रात ली गई एक साधारण उबर राइड अचानक एक दिल दहला देने वाली घटना में बदल गई. भारतीय मूल के उबर ड्राइवर सतविंदर सिंह पर एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने का आरोप साबित होने के बाद अदालत ने उन्हें सात साल दो महीने की सज़ा सुनाई.
न्यूजीलैंड में दो साल पहले एक भारतीय मूल के ड्राइवर सतविंदर सिंह पर नाबालिग लड़की से रेप करने का गंभीर आरोप लगा था. लंबे समय तक चली जांच और अदालत की कार्यवाही के बाद अब इस मामले में बड़ा फैसला सामने आया है. कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए सख्त सज़ा सुनाई है, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिला है.
दरअसल ड्राइवर ने जीपीएस बंद कर दिया था. इसके बाद रूट बदला. इतना ही नहीं, ड्राइवर ने लड़की से भद्दे सवाल भी किए थे. उसने पूछा था कि क्या नाबालिग ने अंडरवियर पहना है. इसके बाद उसने जबरदस्ती उसके साथ गाड़ी में रेप किया.
साल 2023 का है मामला
2023 की एक ठंडी रात में लड़की ने हैमिल्टन ईस्ट जाने के लिए उबर बुक किया. उसे नहीं पता था कि कुछ ही मिनट में उसकी सुरक्षित यात्रा डर में बदल जाएगी. रिपोर्ट्स के अनुसार, ड्राइवर सतविंदर सिंह ने रास्ते में जीपीएस बंद कर दिया और फिर गाड़ी को दूसरे रास्ते पर ले गया. इसके बाद उसने ऐसी हरकतें कीं जिनका विरोध लड़की ने बार-बार किया, लेकिन उसकी बातों को अनसुना कर दिया गया.
नाबालिग के साथ किया रेप
लड़की ने बताया कि ड्राइवर ने अचानक कार के दरवाज़े लॉक कर दिए और उसके बाद उसकी सीट को पीछे की ओर झुका दिया. इसके बाद उसने जबरदस्ती उसे किस करने की कोशिश की और उसके ब्रेस्ट को छुआ. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ड्राइवर यहीं नहीं रुका, वह उसके ऊपर चढ़ गया और ज़बरदस्ती रेप किया. फिर लड़की को उसके एक दोस्त के घर छोड़ दिया. उसकी हालत देखकर घरवालों और दोस्तों के होश उड़ गए.
कोर्ट ने दी आरोपी को सजा
गिरफ्तारी के बाद सिंह ने पुलिस के सामने दावा किया कि लड़की ने झूठा आरोप लगाया है और जो कुछ हुआ वह उसकी सहमति से हुआ. इतना ही नहीं, उसने न्यूज़ीलैंड की महिलाओं को लेकर बेहद अपमानजनक टिप्पणी भी की. अदालत ने जब इस बयान को सुना, तो यह साफ हो गया कि आरोपी अपने किए को हल्का दिखाने की कोशिश कर रहा है. जज ने कहा कि इस घटना ने पीड़िता की मानसिक और भावनात्मक सेहत पर “गहरा और स्थायी असर” डाला है. आज वह घर से बाहर निकलने में भी डर महसूस करती है और दुनिया उसके लिए असुरक्षित लगती है.
राहत की अपील भी खारिज
आरोपी के वकील ने अदालत में कहा कि आरोपी भारत से है, न्यूज़ीलैंड में सिर्फ 11 साल से रह रहा है और सिख समुदाय से होने के कारण जेल का माहौल उसके लिए ज्यादा मुश्किल हो सकता है. इसलिए उसकी सज़ा में कुछ कमी की जानी चाहिए. लेकिन अदालत ने यह दलील पूरी तरह खारिज कर दी. जज ने कहा कि सिंह एक उबर ड्राइवर था और रोज़ लोगों से मिलता-जुलता था, इसलिए उसे यहां के कानून और समाज के नियमों की पूरी समझ होनी चाहिए थी. ऐसे में उसे किसी तरह की विशेष रियायत नहीं दी जा सकती.





