आसमान में दिखेगा दुर्लभ नजारा, जब एक सीध में आ जाएंगे 7 ग्रह, देखने के लिए करना होगा यह काम
नासा ने बताया कि 28 फरवरी को सभी सात ग्रह आकाश में एक सीध में होंगे, जिससे एक दुर्लभ ग्रह संयोग बनेगा. हालांकि कुछ ग्रहों का एक ही समय में सूर्य के एक ही तरफ सीध में होना असामान्य नहीं है, लेकिन एक ऐसी घटना जब सभी ग्रह एक सीध में हों, सच में एक चमत्कार से कम नहीं.

Seven Planets: दुनिया भर के साइंटिस्ट हमारे गृहों पर लेकर स्टडी करते रहे हैं. पृथ्वी के अलावा दूसरे गृह पर जीवन संभव है या नहीं इसका भी अध्ययन किया जा रहा है. वैज्ञानिक शनि, बुध, नेपच्यून, शुक्र, यूरेनस, बृहस्पति और मंगल ग्रह पर अध्ययन करते हैं. अब नासा ने बड़ी जानकारी दी है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहा है कि 28 फरवरी 2025 को एक बड़ी खगोलीय घटना घटने वाली है.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा ने बताया कि 28 फरवरी को सभी सात ग्रह आकाश में एक सीध में होंगे, जिससे एक दुर्लभ ग्रह संयोग बनेगा. हालांकि कुछ ग्रहों का एक ही समय में सूर्य के एक ही तरफ सीध में होना असामान्य नहीं है, लेकिन एक ऐसी घटना जब सभी ग्रह एक सीध में हों, सच में एक चमत्कार से कम नहीं.
एक साथ दिखेंगे 7 प्लैनेट
रिपोर्ट के मुताबिक, 28 फरवरी की रात को आकाश में एक साथ 7 प्लैनेट को देखना एक अद्भुत नजारा होगा. इस दौरान आसमान में तारा देखने वाले वैज्ञानिकों को हैरान कर देंगे.
इससे पहले सभी ग्रह इस तरह से एक लाइन में दिखे थे. अप्रैल 2024 में उत्तरी अमेरिका में सूर्यग्रहण के दौरान ऐसा देखने को मिला था. यह भव्य नजारा अगले महीने होगा, 21 जनवरी से शुरू होने वाले सात में से छह ग्रह एक साथ आकाश में एक लाइन में दिखाई देंगे.
एक लाइन में दिखेंगे प्लेनेट
नासा ने बताया कि 3 से लेकर 8 तक की संख्या में ग्रहों की मौजूदगी अलाइमेंट का निर्माण करती है. 5 या 6 ग्रहों का एक साथ दिखना एक बड़ा अलाइमेंट कहलाता है, जिसमें पांच ग्रहों का अलाइमेंट छह ग्रहों के अलाइमेंटसे कहीं ज्यादा होता है. हालांकि सात ग्रहों का अलाइमेंट सबसे बड़ा और अनोखा है. यह ग्रह रेखाओं और तस्वीरों के उल्टे दिखाई देंगे. अंतरिक्ष में तीन ग्रह अलग-अलग कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं, जिससे उनका एक सीधी रेखा में एक साथ आना लगभग असंभव हो जाता है. नासा ने कहा, "यह सच है कि प्लैनेट आकाश में एक रेखा में दिखाई देंगे, लेकिन ग्रह हमेशा ऐसा ही करते हैं. उस रेखा को क्रांतिवृत्त कहा जाता है, और यह सौरमंडल के उस तल का प्रतिनिधित्व करती है जिसमें ग्रह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं . "