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गया था दांत दर्द का इलाज कराने, निकल आया कैंसर; डॉक्‍टर हैरान, सदमे में मरीज

आजकल इस बात का पता ही नहीं चलता कि कब छोड़ी सी परेशानी कब बड़ी और गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है. ऐसा ही कुछ हुआ 78 साल के एक व्यक्ति के साथ, जो दांत दर्द से परेशान होकर डेंटिस्ट के पास गया. जहां दांत निकलवाने के बाद जबड़े में सूजन आ गई.

गया था दांत दर्द का इलाज कराने, निकल आया कैंसर; डॉक्‍टर हैरान, सदमे में मरीज
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( Image Source:  Create By AI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 7 Nov 2025 1:50 PM IST

क्या हो जब दांत का दर्द गंभीर बीमारी बन जाए? ऐसा ही कुछ 78 साल के शख्स के साथ हुआ है. जब वह अपने दांत दर्द से परेशान होकर डेंटिस्ट के पास गया, वहां चेकअप के दौरान पता चला कि उसे एक गंभीर बीमारी है. दर्द के चलते डेंटिस्ट ने दांत निकालने के लिए कहा गया. इसके बाद शख्स को घर भेजा गया, लेकिन उसका जबड़ा सूजने लगा.

सूजन और दर्द से परेशान शख्स वापस डॉक्टर के पास गया और एक और चेकअप करने के लिए कहा. इस बार डॉक्टर ने सीटी स्कैन किया, जिसमें उसके जबड़े में घाव का पता चला. कुछ और टेस्ट के बाद डॉक्टर को यकीन हो गया कि यह प्रोस्टेट कैंसर था.

जबड़े में प्रोस्टेट कैंसर?

डॉक्टर ने शख्स को बताया कि यह मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर है. यह एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें प्रोस्टेट कैंसर शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है. इस मामले पर ओरल सर्जन डॉ. एंड्रेज बोजिक ने द सन को बताया कि प्रोस्टेट कैंसर कई अन्य कैंसर की तरह जबड़े में मेटास्टेसिस कर सकता है.

दुर्लभ है मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर

इस पर डॉक्टर ने बताया कि चूंकि जबड़े की हड्डी में ब्लड की सप्लाई भरपूर होती है और बोन मैरो एक्टिव होती है. इसलिए अक्सर मेटास्टेटिक कैंसर सेल्स की वहां ग्रोथ होना आम बात है. जबड़े में मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर होना दुर्लभ है. लेकिन इसके होने से यह संकेत मिलता है कि कैंसर व्यापक रूप से फैल गया है.

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण

जबड़े में मेटास्टेसिस के जल्दी से नजर नहीं आते हैं. साथ ही, यह आम दांत से जुड़ी समस्या जैसा ही लगता है. इसके कारण डेंटिस्ट को भी इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है. डॉ. बोज़िक ने बताया कि मरीजों को जबड़े में लगातार सूजन, दर्द, बिना किसी स्पष्ट कारण के ढीले दांत या दांत निकालने के बाद देरी से ठीक होने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

प्रोस्टेट कैंसर दुनिया भर में चौथा सबसे आम कैंसर है और पुरुषों में सबसे बड़ा कैंसर है. हर साल, दुनिया भर में लगभग 400,000 लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवाते हैं.

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