इस गांव में चचेरे-भाई बहन कर लेते हैं शादी, बच्चों को है न चलने की बीमारी, 20 साल बाद चला पता
ब्राजील का एक ऐसा शहर जहां चचेरे-भाई बहन शादी कर लेते हैं. यहां की आबादी भी बहुत कम है, लेकिन यहां के लोग एक जेनेटिक बीमारी से पीड़ित हैं, जिसे SPOAN syndrome कहा जाता है. इसमें इंसान के चलते की क्षमता कम और खत्म हो जाती है.

ब्राजील का एक छोटा सा सेरिन्हा डॉस पिंटोस शहर, जहां मुश्किल से 5 हजार लोग रहते हैं. लेकिन दशकों से यह शहर रहस्यमयी बीमारी के साये में था. ऐसी बीमारी जिसके कारण बच्चे सही से चल नहीं पाते हैं. स्थानीय लोग इसे दुर्भाग्य मानते रहे, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि इसके पीछे कोई गहरी जैविक वजह छिपी है.
करीब 20 साल पहले, साओ पाउलो में रहने वाली बायोलॉजिस्ट और जेनेटिसिस्ट सिल्वाना सैंटोस को उनके पड़ोसी ने इस बारे में बताया था. इसके बाद ने खुद इस गांव में पहुंच गई, ताकि वह जान सके कि आखिर यह बीमारी क्या है.
इकट्ठा किए डीएनए सैंपल
सिल्वाना सैंटोस ने इस बीमारी के बारे में पता लगाने के लिए साओ पाउलो से 2,000 किमी की दूरी पर बार-बार यात्रा की, घर-घर जाकर डीएनए सैंपल इकट्ठा किए, लोगों के साथ बैठकर कॉफी पी, बातचीत की, और अंत में सारी कड़ियों को जोड़कर सच्चाई को उजागर किया. 2005 में उन्होंने और उनकी टीम ने इस बीमारी का वैज्ञानिक नाम दिया – स्पोअन सिंड्रोम.
स्पोअन सिंड्रोम में क्या होता है?
यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे शरीर को कमज़ोर बना देता है. इसका कारण क्रोमोसोम्स में एक छोटा-सा डिलेशन है, जिससे ब्रेन सेल्स एक स्पेसेफिक प्रोटीन का ज्यादा प्रोडक्शन करने लगती हैं. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है.
बीमारी का पुराना है इतिहास
स्पोअन सिंड्रोम के जेनेटिक सीक्वेंसिंग से पता चला कि इसके मरीजों की जड़ें यूरोपीय वंश से जुड़ी हुई हैं, जिनमें पुर्तगाली, डच, और सेफ़र्डिक यहूदी शामिल हैंय जब मिस्र में स्पोअन के दो मामले सामने आए और उनके जेनेटिक मार्कर्स से समानता मिली, तो यह साइन मिला कि शायद यह म्यूटेशन्स उन लोगों से जुड़ी हो, जो स्पेनिश इनक्विजिशन के दौरान पुर्तगाल से भागे सेफ़र्डिक यहूदियों या मूरों के वंशज रहे हों. सैंटोस का मानना है कि पुर्तगाल में भी इस बीमारी के और मामले हो सकते हैं. बस उन्हें पहचाना नहीं गया.
चचेरे भाई-बहनों से शादी
इस शहर में इनबाउंड माइग्रेशन न के बराबर था. इसलिए रिश्तेदार आपस में शादी कर लेते थे. खासतौर पर यहां चचेरे भाई-बहनों की शादियों का रिवाज था. यहां करीब 30% से अधिक जोड़े आपस में रिश्तेदार थे.
बढ़ जाता है खतरा
वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो चचेरे भाई-बहनों के विवाह लगभग 10% मामलों में होते हैं, जबकि ब्राजील में यह दर महज़ 1-4% है. वैज्ञानिकों का कहना है कि हालांकि ऐसे विवाहों से ज़्यादातर बच्चे स्वस्थ पैदा होते हैं, लेकिन जेनेटिक्स डिजीज के लिए जोखिम दोगुना हो जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक चचेरे भाई-बहन से शादी करने वालों में जेनेटिक्स डिसऑर्डर का खतरा 5-6% तक होता है, जबकि नॉर्मल कपल के लिए यह प्रतिशत 2-3% है.