G-7 से पहले कैलगरी में खालिस्तानी उत्पात, मोदी की हत्या की धमकी पर चुप क्यों है कनाडा?
कनाडा के कैलगरी में G7 समिट से पहले खालिस्तानी समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया. मोदी के पुतले को जेल में दिखाना, "वांटेड" पोस्टर लगाना और हत्या की धमकी देना गंभीर चिंता का विषय है. भारत ने विरोध जताते हुए कनाडा से कार्रवाई की मांग की है. कनाडा सरकार की चुप्पी पर सवाल उठने लगे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कनाडा यात्रा और G-7 शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी से ठीक पहले कैलगरी में सैकड़ों खालिस्तानी समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन कर माहौल गरमा दिया. मोदी विरोधी नारे और खालिस्तानी झंडों के साथ प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे, जिससे कनाडा में भारत विरोधी ताकतों की सक्रियता फिर से सामने आ गई.
16 जून को दशमेश गुरुद्वारा से निकले मार्च में प्रधानमंत्री मोदी को 'हत्यारा' और 'वांटेड' बताते हुए उनके पुतले को जेल में कैद दिखाया गया. यह प्रदर्शन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) नामक प्रतिबंधित संगठन द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका नेतृत्व अमेरिका में बैठा खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू करता है.
पन्नू की धमकी और भारत विरोधी नारेबाजी
SFJ के पन्नू ने एक वीडियो संदेश में "G7 समिट में मोदी की राजनीति खत्म करने" की बात कही, जिसे भारत में साफ तौर पर हत्या की धमकी माना जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों को भारत और हिंदुओं के खिलाफ गाली-गलौज करते हुए देखा गया, जो कनाडा में नफरत की राजनीति को बढ़ावा देता है.
कनाडा सरकार का सुरक्षा इंतजाम
जहां G7 समिट को देखते हुए कनाडा सरकार ने नो-फ्लाई ज़ोन और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ खुलेआम दी जा रही धमकियों और उकसावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई. इस चुप्पी से भारत-कनाडा संबंधों में और तनाव आने की संभावना है.
भारतीय नेतृत्व की सख्त प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है. पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा कि “मोदी की राजनीति खत्म करने” वाला बयान दरअसल हत्या की धमकी है. भारत ने कनाडा सरकार से उम्मीद जताई है कि वह ऐसी उग्र और असंवैधानिक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करेगी.
विदेशी फंडिंग का आरोप
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इन प्रदर्शनों को "किराए के टट्टूओं" की साजिश बताया, जो पाकिस्तान की फंडिंग से संचालित हैं. उन्होंने कहा कि यह सब भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से किया जा रहा है.
बच्चों की भागीदारी पर चिंता
दिल्ली के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रदर्शन में बच्चों की भागीदारी पर चिंता जताई. उन्होंने इसे "राजनीतिक एजेंडे के लिए मासूमों का शोषण" कहा और कनाडा सरकार से सवाल पूछा कि क्या वह इस तरह की असंवैधानिक गतिविधियों का समर्थन कर रही है.
खालिस्तानी मुद्दे ने फिर खोला भारत-कनाडा संबंधों का ज़ख्म
2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के पीएम ट्रूडो के आरोपों से दोनों देशों के रिश्तों में पहले ही तनाव था. अब G7 समिट जैसे मंच के दौरान ऐसी घटनाएं कनाडा में भारतीयों की सुरक्षा और दोनों देशों की आपसी समझ पर सवाल खड़े कर रही हैं.