'मोदी का होगा अंतिम युद्ध, पाकिस्तानी सैनिकों को लंगर परोसेंगे पंजाबी सैनिक'; आतंकी पन्नू ने फिर उगला जहर
खालिस्तानी समर्थक और प्रतिबंधित संगठन SFJ (Sikhs for Justice) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो संदेश में भारतीय सिख सैनिकों से अपील की है कि वे भारत-पाकिस्तान युद्ध या संघर्ष की स्थिति में भारतीय सेना का हिस्सा न बनें. यह बयान हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सामने आया है. पन्नू ने सिखों से 'भारत के खिलाफ खड़े होने और खालिस्तान के समर्थन में एकजुट होने' की बात कही. भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने इसे देश विरोधी बयान करार दिया है.

Khalistani Terrorist Gurpatwant Singh Pannun video message to Sikh soldiers: अमेरिका में स्थित खालिस्तानी संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) के प्रमुख और भारत द्वारा घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो संदेश में भारतीय सिख सैनिकों से अपील की है कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी संभावित संघर्ष में भाग न लें. पन्नू ने यह बयान हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद जारी किया, जिसमें नेपाल के एक नागरिक समेत 26 पर्यटकों की मौत हो गई.
पन्नू ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि यदि भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो सिख सैनिकों को इस संघर्ष में शामिल नहीं होना चाहिए. उन्होंने सिख समुदाय से 'खालिस्तान' की मांग के लिए एकजुट होने का आह्वान किया और दावा किया कि भारत सरकार सिखों के साथ अन्याय कर रही है. पन्नू ने यह भी चेतावनी दी कि यदि भारत ने पंजाब पर 'कब्जा' जारी रखा, तो 'प्रतिक्रिया' होगी और इसके लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार होंगे.
'पंजाब के लोग पाकिस्तानी सैनिकों के लिए लंगर परोसेंगे'
पन्नू ने कहा कि अगर पाकिस्तान के साथ युद्ध होता है तो भारत के पंजाब के लोग पाकिस्तानी सैनिकों के लिए लंगर परोसेंगे. उसने यह भी कहा कि अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है तो यह मोदी के लिए अंतिम युद्ध होगा. खालिस्तानी आतंकी ने कहा कि पाकिस्तान हमारा दुश्मन नहीं, बल्कि मित्र राष्ट्र है, जो पंजाब को आजाद कराने के बाद हमारा पड़ोसी होगा.
पन्नू का बयान देश की एकता और अखंडता के खिलाफ
भारत सरकार ने पन्नू के बयानों को गंभीरता से लिया है और उन्हें देश की एकता और अखंडता के खिलाफ बताया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पन्नू के खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू की है, जिसमें देशद्रोह और आतंकवाद के आरोप शामिल हैं. पन्नू पर पहले भी भारत में विभिन्न स्थानों पर खालिस्तानी झंडे फहराने और भड़काऊ वीडियो जारी करने के आरोप लगे हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पन्नू की गतिविधियां
पन्नू ने हाल ही में 'कश्मीर-खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट' की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर और पंजाब में जनमत संग्रह के माध्यम से स्वतंत्रता की मांग करना है. उसने कश्मीर को 'विवादित क्षेत्र' बताया और कश्मीरी आतंकवादियों के साथ एकजुटता व्यक्त की. पन्नू का यह कदम भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
गुरपतवंत सिंह पन्नू के बयानों और गतिविधियों ने एक बार फिर भारत की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को सतर्क कर दिया है. उसकी अपील और धमकियां न केवल देश की एकता के लिए खतरा हैं, बल्कि सिख समुदाय के भीतर भी भ्रम और असंतोष पैदा कर सकती हैं. सरकार और सुरक्षा एजेंसियाँ इस मामले पर कड़ी नजर रख रही हैं और आवश्यक कार्रवाई कर रही हैं.