बी-2 का कहर, बंकर बस्टर का प्रहार, इन हथियारों से अमेरिका ने हिलाई ईरान की जमीन
अमेरिका ने ईरान पर हमला किया और फिर डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि 'ईरान की तीनों परमाणु साइटें पूरी तरह से नष्ट हो गई है.ट वहीं, ईरान ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि 'कोई रेडियोएक्टिव पॉल्यूशन' नहीं हुआ है.' अब दुनिया की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि ईरान क्या जवाब देता है.

इज़रायल ईरान को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है. खासकर उसके परमाणु कार्यक्रम और हिज़्बुल्ला जैसे आतंकी संगठनों को समर्थन के कारण. पिछले कुछ सालों में यह तनाव और गहराया, लेकिन 2025 में यह पूरी तरह से खुली जंग में बदल गया. जब जंग तेज़ हो गई, तो अमेरिका ने खुलकर इज़रायल का साथ दिया. अमेरिका ने कहा कि वह इज़रायल की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा और हुआ भी यही.
आज अचानक दुनिया की नजरें पश्चिम एशिया की ओर मुड़ गईं. इजरायल और ईरान के बीच पहले से तनाव भरे माहौल में अमेरिका ने इजरायल का साथ देते हुए ईरान पर बड़ा हवाई हमला कर दिया. इस हमले में अमेरिका ने ईरान की तीन सबसे महत्वपूर्ण परमाणु साइटों फोर्डो, नतांज और एस्फाहान को निशाना बनाया.
B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर
B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर अमेरिका के सबसे एडवांस और महंगा लड़ाकू विमान है. इन विमानों की कीमत लगभग 2.1 अरब डॉलर है. इन्हें स्टील्थ यानी छुपकर हमला करने की खासियत के लिए जाना जाता है. ये एयरक्राफ्ट दुश्मन के रडार से बचकर उड़ सकते हैं और बहुत सटीक निशाना लगा सकते हैं.
GBU-57: ज़मीन के अंदर घुसकर फोड़ने वाला बम
फोर्डो जैसी बंकरों में छिपी ईरानी परमाणु साइट को उड़ाने के लिए अमेरिका ने GBU-57 बंकर बस्टर बम का इस्तेमाल किया. यह बम इतना भारी और ताकतवर होता है कि 200 फीट तक जमीन के अंदर जाकर विस्फोट करता है. इसका वजन करीब 13,600 किलोग्राम होता है. खबर है कि अमेरिका ने इस हमले में 12 ऐसे बम गिराए.
टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें
इस ऑपरेशन में अमेरिका ने पनडुब्बियों से 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागीं. ये मिसाइलें खास होती हैं, क्योंकि ये उड़ते समय भी अपना निशाना बदल सकती हैं और दुश्मन पर सटीक हमला करती हैं. अमेरिका ने अपनी वर्जीनिया और लॉस एंजिल्स क्लास पनडुब्बियों से ये मिसाइलें छोड़ीं.
F-22 और F-35: आसमान में सुरक्षा की दीवार
हवाई हमले के दौरान अमेरिका ने F-22 रैप्टर और F-35A लाइटनिंग II जैसे आधुनिक फाइटर जेट्स की मदद ली. F-22 रैप्टर तेज उड़ान, छुपने की क्षमता और दुश्मन को पल भर में खत्म करने की शक्ति रखता है. वहीं, F-35A लाइटनिंग II एक पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जो हर मौसम में दुश्मन पर हमला कर सकता है. इसकी स्टेल्थ तकनीक इसे रडार से छिपा देती है.
आगे क्या- जंग या बातचीत?
ईरान के सामने दो रास्ते हैं, या तो वह अमेरिका और इजरायल पर पलटवार करे, जिससे संघर्ष और बढ़ेगा. या फिर वह संयम से काम ले, जिससे उसकी आंतरिक साख को नुकसान हो सकता है. दुनिया अब एक नए संकट की दहलीज़ पर खड़ी है.