क्या सीरिया पर फिर कहर बरपाएगा ISIS? असद सरकार के तख्तापलट के बाद फिर जताई जा रही आशंका
सीरिया में राष्ट्रपति अल-असद के तख्तापलट की चर्चा दुनियाभर में हो रही है, वहीं इस बीच ISIS को लेकर आशंका जताई जा रही है कि क बार फिर से उभर कर सामने आ सकता है. बशर अल असद के जाने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन भी इस बारे में चेतावनी दे चुके हैं.

सीरिया में राष्ट्रपति अल-असद के तख्तापलट की चर्चा दुनियाभर में हो रही है. इस बीच आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (ISIS) जिसका सिरिया प्रमुख ठिकाना माना जाता है, वो भी चर्चा में है. देश में सत्ता परिवर्तन के बाद से आशंका जताई जा रही है कि ISIS एक बार फिर से उभर कर सामने आ सकता है.
अब जबकि सीरिया में कोई सरकार नहीं है, आईएसआईएस इस समय का उपयोग अपनी क्षमताओं को फिर से बढ़ाने, सुरक्षित पनाहगाह बनाने के लिए कर सकता है. बशर अल असद के जाने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन भी इस बारे में चेतावनी दे चुके हैं. दमिश्क में सरकार का न होना और विद्रोही नेताओं की निष्ठा इसे काफी हद तक संभव बनाती है.
वहीं सीरिया में 50 साल पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंकने में सिर्फ़ दो हफ़्ते लगे, जो 2011 में अरब स्प्रिंग विद्रोह से बच गया था जिसके कारण मिस्र, लीबिया, ट्यूनीशिया और यमन में सत्ता परिवर्तन हुआ था. लेकिन जो दिख रहा है, उससे कहीं ज़्यादा है. अब, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) विद्रोही गठबंधन का नेतृत्व करेगा.
2019 से कुछ इलाकों तक सीमित है इस्लामिक स्टेट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राष्ट्रपति बशर असद ने अमेरिका द्वारा की गई इंडायरेक्ट मदद से 2019 में इस्लामिक स्टेट को कंट्रोल में रखा था. फिलहाल इसे सीरिया के कुछ ही स्टेट्स तक सीमित कर दिया है. लेकिन ऐसी आशंका जताई जा रही है कि दमिश्क में सत्ता पर किसी के काबिज नहीं होने से ये तेजी से उभर कर आ सकता है.
ISIS के खतरे से निपटने के लिए अमेरिका ने तैनात किए 900 जवान
भले ही सीरिया में राष्ट्रपति असद का शासन था. लेकिन यह शासन कुछ ही इलाकों तक सीमित था. सीरिया के नॉर्थ इस्टर्न इलाकों में अभी भी इस्लामिक स्टेट कायम है. वहीं यूएस सेंट्रल कमांड (USCENTOM) की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 जनवरी से जून तक ISIS ने इराक और सीरिया में 153 हमलों का दावा किया है. जो इस्लामिक स्टेट से लगातार खतरे को चिह्नित कर रहा है. वहीं इस्लामिक स्टेट के खतरे से निपटने के लिए अमेरिका ने सीरिया में अपने 900 जवानों को तैनात किया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राष्ट्रपति असद की सरकार गिर जाने के बाद से अब तक इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर कई एयरस्ट्राइक की जा चुकी हैं.
ईरान और रूस द्वारा असद के शासन को पूरा सपोर्ट था. लेकिन विद्रोही गठबंधन के लीडिंग ग्रुप हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) को अमेरिका एक आतंकवादी संगठन मानता है. इसे अल-कादया का समर्थन प्राप्त था. लेकिन 2016 के बाद से खुद को अलग कर लिया था. लेकिन साल 2014 में अमेरिका ने इन क्षेत्रों में आईएस के प्रभाव को कम करने का प्रयास शुरू किया था.