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बांग्लादेश में हिंदुओं की आवाज उठाना जुर्म? ISKCON के चिन्मय प्रभु को किया गया गिरफ्तार

बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. दरअसल देश में हो रहे हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उन्होंने रैली में विरोध किया था. जिसके बाद उनपर देशद्रोह का आरोप लगा और हिरासत में ले लिया गया.

बांग्लादेश में हिंदुओं की आवाज उठाना जुर्म? ISKCON के चिन्मय प्रभु को किया गया गिरफ्तार
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( Image Source:  Social Media: X )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 25 Nov 2024 7:43 PM IST

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मामले पर इस्कॉन मंदिर के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने इस अत्याचार पर आवाज उठाई थी. वहीं ताजा जानकारी के अनुसार उन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार चिन्मय कृष्ण दास को ढाका एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया है. बात करें गिरफ्तारी की तो उन्हें राजद्रोह के मामले में हिरासत में लिया गया.

दरअसल उन्होंने 22 नवंबर को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी और हिंदुओं के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया था. इस रैली में अत्याचार को लेकर जमकर विरोध किया गया था.

विरोध में की थी रैली

बांग्लादेश से पूर्व शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से ही हिंदुओं पर अत्याचार की कई जानकारी सामने आई थी. हालांकि इस पर चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. इसके विरोध में रैली में आवाज उठाई थी. इसके बाद से ही वह मौजूदा सरकार की निगरानी में आए. वहीं उन्होंने सरकार पर हिंदुओं को आपस में बांटने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.

उन्होंने सरकार पर इस्कॉन मंदिर पर हमले को लेकर मंदिर की सुरक्षा पर चिंता जताई थी और कहा था कि चटगांव में तीन मंदिर खतरे में है लेकिन हिंदू समुदाय के कुछ लोगों ने मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के साथ मिलकर अब तक मंदिरों को बचाया हुआ है. उनका दावा था कि कई हिंदु असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इसलिए पश्चिम बंगाल से पलायन करते हुए त्रिपुरा के रास्ते भारत जा रहे हैं.

देशद्रोह का लगा आरोप

वहीं अब उनपर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में देशद्रोह के तहत 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा लिया गया था. अब तक स्थानिय पुलिस द्वारा दो लोगों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है. दरअसल पांच अगस्त को जनता के आंदोलन के तहत न्यू मार्केट चौराहे पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था. लेतिन कुछ समय के बाद 25 अगस्त को लालदिग्गी रैली का आयोजन हुआ. इस रैली में इस्कॉन मंदिर का झंडा फहराया गया. जिसके कारण देशद्रोह का आरोप उनपर लगाया जा रहा है.

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