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भारत के खिलाफ उठाए जाएं कड़े कदम, भारतीयों का वर्क परमिट हो रद्द... हादी के संगठन ने यूनुस सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

बांग्लादेश में एंटी-इंडिया नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भारत विरोधी माहौल और तेज हो गया है. उनके संगठन इंक़िलाब मंचो ने बांग्लादेश सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए भारत में काम कर रहे भारतीय नागरिकों के वर्क परमिट रद्द करने की मांग की है. संगठन ने हत्या के सभी आरोपियों का 24 दिनों में ट्रायल पूरा करने, भारत पर अंतरराष्ट्रीय अदालत में केस दर्ज करने और कथित 'फासीवादी तत्वों' की गिरफ्तारी की भी मांग रखी है. इस बीच, हत्यारों के भारत भागने के दावों को BSF ने खारिज किया है.

भारत के खिलाफ उठाए जाएं कड़े कदम, भारतीयों का वर्क परमिट हो रद्द... हादी के संगठन ने यूनुस सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
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Inqilab Moncho ultimatum to Muhammad Yunus Interim Government: बांग्लादेश में भारत विरोधी माहौल एक बार फिर तेज होता दिख रहा है. एंटी-इंडिया स्टूडेंट लीडर शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं. अब हादी के संगठन इंक़िलाब मंचो ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए भारत के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की है. संगठन ने साफ कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो देशभर में आंदोलन और तेज किया जाएगा.

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रविवार रात ढाका के शाहबाग इलाके से इंक़िलाब मंचो के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने यह अल्टीमेटम सार्वजनिक किया. संगठन ने चार बड़ी मांगें रखीं, जिनमें सबसे विवादास्पद मांग भारत में काम कर रहे भारतीय नागरिकों के वर्क परमिट रद्द करने की है.

24 घंटे और 24 दिन का अल्टीमेटम

इंक़िलाब मंचो ने कहा है कि हादी की हत्या में शामिल पूरे गिरोह, शूटर, साजिशकर्ता, मददगार, फरार कराने वाले और शरण देने वालों, का 24 दिनों के भीतर ट्रायल पूरा किया जाए. संगठन का आरोप है कि अगर 24 घंटे के भीतर हादी के हत्यारों की भारत में मौजूदगी को लेकर कोई ठोस बयान नहीं आया या उन्हें वापस नहीं लाया गया, तो बांग्लादेश में भारतीयों के वर्क परमिट रद्द किए जाएं.

भारत पर अंतरराष्ट्रीय केस की धमकी

संगठन ने यह भी धमकी दी है कि यदि भारत ने कथित तौर पर भारत में छिपे हत्यारों को वापस नहीं सौंपा, तो इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भारत के खिलाफ केस दायर किया जाएगा. इसके अलावा, संगठन ने सिविल-मिलिट्री इंटेलिजेंस में छिपे 'फासीवादी तत्वों' की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की भी मांग की है.

क्या हादी के हत्यारे भारत भागे?

यह विवाद उस वक्त और गहरा गया, जब ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने दावा किया कि हादी हत्या कांड के दो मुख्य आरोपी मयमनसिंह के हलुआघाट बॉर्डर से भारत भागकर मेघालय में दाखिल हो गए हैं. हालांकि, इस दावे को मेघालय में तैनात BSF ने सिरे से खारिज कर दिया है. BSF के आईजी ओपी उपाध्याय ने कहा कि सीमा पार करने का कोई सबूत नहीं है और बांग्लादेश पुलिस के आरोप बेबुनियाद और भ्रामक हैं. उन्होंने साफ किया कि भारत में ऐसे किसी संदिग्ध की घुसपैठ की पुष्टि नहीं हुई है.

भारत-बांग्लादेश तनाव में नया मोड़

इसी बीच, बांग्लादेश में दो हिंदू नागरिकों की लिंचिंग के बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. हालांकि, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि छिटपुट आपराधिक घटनाओं को जानबूझकर हिंदुओं के खिलाफ 'व्यवस्थित उत्पीड़न' के रूप में पेश किया जा रहा है. ढाका ने आरोप लगाया कि कुछ हलकों में इन घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर भारत में बांग्लादेश विरोधी माहौल बनाया जा रहा है.

हादी की मौत के बाद सड़कों पर हिंसा

गौरतलब है कि 18 दिसंबर को उस्मान हादी की मौत के बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए थे. प्रदर्शनकारियों ने ढाका समेत कई इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ की और मीडिया संस्थानों के दफ्तरों को भी निशाना बनाया. तभी से बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और भारत-विरोधी नारेबाजी लगातार बढ़ रही है. फिलहाल, इंक़िलाब मंचो के अल्टीमेटम ने भारत-बांग्लादेश रिश्तों में नया तनाव पैदा कर दिया है. अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि ढाका सरकार अगले 24 घंटे में इस चुनौती से कैसे निपटती है.

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