कौन हैं भारतीय मूल की अधिकारी Neela Rajendra जिन्हें नासा ने दिखाया बाहर का रास्ता?
Who Is Neela Rajendra: नासा ने भारतीय मूल की डायवर्सिटी, इक्विटी और इंक्लूशन चीफ नीला राजेंद्र को नौकरी से निकाल दिया है. इसके पीछे ट्रम्प सरकार का एक आदेश है. लाख कोशिशों के बाद भी नासा नीला की नौकरी नहीं बचा पाया. बता दें कि नासा ने मार्च में डाइवर्सिटी विभाग को बंद करने की घोषणा की थी. इसलिए नीला को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा था.

Who Is Neela Rajendra: अमेरिका स्पेस एजेंसी NASA ने अपनी भारतीय मूल की कर्मचारी नीला राजेंद्र को नौकरी से निकाल दिया है. वह नासा की डायवर्सिटी, इक्विटी और इंक्लूशन चीफ थीं. दावा किया जा रहा है कि एजेंसी की यह कार्रवाई राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश के तहत की गई है. ट्रम्प ने यूएस के सभी डाइवर्सिटी प्रोग्राम बंद करने का आदेश दिया था.
जानकारी के अनुसार, नासा ने नीला राजेंद्र की नौकरी जाने से बचाने के लिए कई कदम उठाने, लेकिन सरकार के आदेश के आगे कुछ नहीं हो पाया. नीला की पोस्ट को बदलकर हेड ऑफ ऑफिस ऑफ टीम एक्सीलेंस एंड इंप्लॉई सक्सेस कर दिया था. लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ.
कौन हैं नीला राजेंद्र?
नीला राजेंद्र नासा में कई सालों से काम कर रही हैं. उन्होंने कई मिशन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. नीला ने स्पेस वर्कफोर्स 2023 जैसे मिशन को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है. जिसका उद्देश्य नासा में महिलाओं कऔ अल्पसंख्यों की भागीदारी को बढ़ाना है. 2022 में नीला राजेंद्र ने स्पेसएक्स की आलोचना थी. उन्होंने कहा था कि कंपनी का वातावरण तेज गति वाला है और वहां विविधता, समानता और समावेशन (DEI) पर ध्यान नहीं दिया जाता. उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि इन कारणों से कंपनी में कर्मचारियों के छोड़ने की दर काफी अधिक है.
नासा ने किया ईमेल
नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी की निदेशक लॉरी लेशिन ने एक ईमेल किया. लॉरी ने ईमेल में लिखा, नीला राजेंद्र अब जेपीएल का हिस्सा नहीं है. उन्होंने संगठन में अपनी अलग ही पहचान बनाई है. उसके लिए हम नीला के आभारी हैं. हम उनके भविष्य की कामना करते हैं. हाल ही में जेपीएल को भारी फंड का सामना करना पड़ा था. तब करीब 900 अन्य डीईआई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था. बता दें कि एजेंसी ने मार्च में डाइवर्सिटी विभाग को बंद कर दिया था.
मार्च में बंद किया था डाइवर्सिटी विभाग
नासा ने मार्च में डाइवर्सिटी विभाग को बंद करने की घोषणा की थी. इस डाइवर्सिटी को लेकर राष्ट्रपति ट्रम्प का मानना है कि डाइवर्सिटी प्रोग्राम की वजह से देश नस्ल, रंग और लिंग के आधार पर बंट गया है. ऐसे कार्यक्रम में सिर्फ पैसों की बर्बादी होती है. इससे भेदभाव को भी बढ़ावा दिया जाता है. इसलिए अमेरिका में चलने वाले डाइवर्सिटी प्रोग्राम को बंद करने का फैसला लिया गया.