तालिबान से रिश्ते क्यों बढ़ा रहा भारत, क्या अफगानिस्तान की सरकार को देगा मान्यता?
भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं. 8 दिसंबर को दुबई में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई. यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं.
India Afghanistan Relations: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से भारत अपने रिश्ते लगातार मजबूत कर रहा है. इसी कड़ी में 8 जनवरी को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच व्यापार, खेल, सांस्कृतिक संबंध और क्षेत्रीय सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई. भारत ने अफगानिस्तान को और अधिक मानवीय सहायता देने का वादा किया है.
विदेश मंत्रालय ने बताया है कि भारत आने वाले समय में अफगानिस्तान की विकास परियोजनाओं में शामिल होने पर विचार करेगा. वहीं, आमिर खान मुत्ताकी ने संकट के समय मदद के लिए भारत का आभार जताया है. बता दें कि पहली बार किसी भारतीय उच्च अधिकारी ने तालिबान सरकार के मंत्री से मुलाकात की है.
विदेश सचिव मिस्री ने बताया कि भारत अफगानिस्तान के साथ अपने ऐतिहासिक और सांस्कृति संबंधों को बहुत ज्यादा महत्व देता है. दोनों देशों ने खेल संबंधों को भी मजबूत करने पर सहमति जताई है. क्रिकेट को दोनों देशों में काफी पसंद किया जाता है. मिस्री और मौलवी आमिर खान के बीच हुई बैठक में ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिए संबंधों को बढ़ावा देने और व्यापार को बढ़ाने पर भी सहमति बनी.
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24 दिसंबर को पाकिस्तान ने की अफगानिस्तान पर एयरस्ट्राइक
इससे पहले, भारत ने अफगानिस्तान पर की गई पाकिस्तानी स्ट्राइक की भी आलोचना की थी. यह एयरस्ट्राइक 24 दिसंबर को की गई थी, जिसमें अफगानिस्तान के 46 लोग मारे गए थे. इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. भारत का कहना है कि अपनी घरेलू नाकामियों का दोष दूसरों के सिर पर मढ़ना पाकिस्तान की पुरानी आदत है. हम निर्दोष नागरिकों पर किसी भी तरह के हमले की निंदा करते हैं.
बता दें कि अफगान सरकार ने एयरस्ट्राइक पर पाकिस्तान को वार्निंग दी थी. वहीं, पाकिस्तान का कहना था कि उसने सीमा पार से हमला करने वाले आतंकियों पर हमला करने के लिए एयरस्ट्राइक की थी.
अफगानिस्तान को 2021 से भेज चुका है कई राहत सामग्री
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 2021 के बाद से अफगानिस्तान में कई राहत सामग्री भेजी है. इसमें 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं, 40 हजार लीटर कीटनाशक, नशा मुक्ति कार्यक्रम के लिए 11 हजार यूनिट स्वच्छता किट, 300 टन दवाइयां, 27 टन भूकंप राहत सहायता, 1.2 टन, स्टेशनरी किट, 500 यूनिट सर्दियों के कपड़े और कोविड वैक्सीन की 1.5 मिलियन खुराक शामिल हैं.
तालिबान सरकार को क्या मान्यता देगा भारत?
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को तीन साल से ज्यादा का समय हो चुका है. उसके बावजूद उसे अभी किसी भी देश ने डिप्लोमेटिक मान्यता नहीं दी है. भारत भी 2021 के बाद से लगातार तालिबान के संपर्क में है, लेकिन उसने अभी तक उसे मान्यता नहीं दी है.
पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान के हैं तनावपूर्ण संबंध
बता दें कि भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में मजबूती ऐसे समय में दिख रही है, जब अफगान सरकार का पाकिस्तान के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए है . हालांकि, पहले तालिबान सरकार और पाकिस्तान के बीच संबंध अच्छे थे. साल 2021 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा किया तो पाकिस्तान खुश हो गया. वह इसे अपनी बड़ी कूटनीतिक जीत बताया.
हालांकि, जब तालिबान ने पाकिस्तान की कूटनीतिक आकांक्षाओं के मुताबिक चलने से इनकार करते हुए अधिक स्वतंत्र कूटनीतिक रास्ता अख्तियार कर लिया तो इससे पाकिस्तान बौखला गया. इसी दौरान भारत की अफगान सरकार से संबंधों को सुधारने का मौका मिल गया. इस समय भारत के संबंध अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ तनावपूर्ण हो गए हैं.





