जो धर्मस्थलों पर गोले बरसाए, वो क्या जाने नागरिक सुरक्षा! भारत ने UNSC में पाकिस्तान को लगाई लताड़
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो देश आतंकवाद को खुला संरक्षण देता है, वह नागरिकों की सुरक्षा पर भाषण देने के काबिल नहीं. भारत ने पाक सेना द्वारा सीमावर्ती गांवों और धार्मिक स्थलों पर हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे पाखंडी व्यवहार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय नजरअंदाज नहीं कर सकता.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जो देश खुद आतंकवाद को बढ़ावा देता है, उसे नागरिकों की सुरक्षा पर उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं. भारत ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान न केवल आतंकियों की शरणस्थली है, बल्कि वह आतंक और नागरिकों के बीच अंतर करना भी नहीं चाहता. भारत ने धार्मिक स्थलों और सीमावर्ती गांवों पर हमलों को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया.
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने उसे तथ्यों से कुचल दिया. भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने दो टूक कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि एक ऐसा देश जो अपने ही बयान से पलटता है, वह कश्मीर जैसे संवेदनशील विषय पर झूठ फैलाने की कोशिश कर रहा है. भारत ने इसे पाकिस्तान की घिसी-पिटी रणनीति बताया.
आतंकी हमलों का सिलसिला
भारत ने पाकिस्तान को यह याद दिलाया कि उसने मुंबई हमलों से लेकर हालिया पहलगाम नरसंहार तक देश को असंख्य घाव दिए हैं. 26/11 के दर्दनाक हमले से लेकर 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या तक, पाकिस्तान की आतंक नीति ने केवल मौत और तबाही फैलाई है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच से स्पष्ट कर दिया कि अब और सहन नहीं किया जाएगा.
सैनिक वर्दी में आतंकी समर्थक
भारत ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सेना, पुलिस और नौकरशाही खुलेआम आतंकियों के समर्थन में खड़ी है. हरीश ने बताया कि हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत मारे गए आतंकियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तान के उच्च अधिकारी मौजूद थे. यह सबूत है कि पाकिस्तान राज्य प्रायोजित आतंक का चेहरा बन चुका है और उसे बेनकाब करना अब वैश्विक जिम्मेदारी है.
आतंकवाद के खिलाफ हो वैश्विक मोर्चाबंदी
भारत ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की कि वह आतंकवाद को किसी भी बहाने से न्यायोचित ठहराने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए. नागरिकों की सुरक्षा को आतंकियों की सुरक्षा से जोड़ने का हर प्रयास निंदनीय है. भारत ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब आतंक को शह देने वाले देशों को स्पष्ट रूप से अलग-थलग किया जाए और वैश्विक मंच पर जवाबदेह ठहराया जाए.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा तनाव
22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने निर्णायक कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी शिविरों को नष्ट किया. इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8 से 10 मई के बीच भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा. भारत ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह अब जवाबी कार्रवाई में कोई झिझक नहीं दिखाएगा.