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भारत के पास पैसा ही पैसा! 21 मिलियन डॉलर क्यों दें अमेरिका? मतदान फंड पर बोले Donald Trump

Donald Trump: हाल ही में अमेरिकी सरकार ने सरकारी विभाग DOGE ने 'भारत में मतदान' के लिए निर्धारित 21 मिलियन डॉलर के फंड को रद्द कर दिया. अब इस मामले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत के पास बहुत पैसा ही उससे आर्थक समर्थन की जरूरत नहीं.

भारत के पास पैसा ही पैसा! 21 मिलियन डॉलर क्यों दें अमेरिका? मतदान फंड पर बोले Donald Trump
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( Image Source:  ANI )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 19 Feb 2025 8:13 AM IST

Donald Trump: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता में वापस आने के बाद कई बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. ट्रम्प सरकार अपने देश की जनता के साथ दूसरे देश व्यापार संबंधी नियम भी बदल रही है. 16 फरवरी को अमेरिकी सरकार के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने 'भारत में मतदान' के लिए निर्धारित 21 मिलियन डॉलर के फंड को रद्द कर दिया. अब इस फैसले की वजह सामने आई है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने कहा कि भारत को अपनी बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ इस तरह के वित्तीय समर्थन की आवश्यकता नहीं है. इस बारे में मंगलवार (18 फरवरी) को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मीडिया को बताया कि 'दुनिया में सबसे अधिक कर लगाने वाले देशों में से एक है' और उसके पास 'बहुत अधिक धन' है. यह तब हुआ जब DOGE ने खुलासा किया कि USAID ने कथित तौर पर मतदाता मतदान को बढ़ावा देने के लिए चुनाव आयोग को 21 मिलियन डॉलर का योगदान दिया.

ट्रम्प का बयान

ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा, 'हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत ज़्यादा पैसा है. वे हमारे हिसाब से दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में से एक हैं. हम शायद ही वहां जा पाएं क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज़्यादा हैं.' हालांकि, उन्होंने कहा कि ' नरेंद्र मोदी के लिए उनके मन में 'बहुत सम्मान' है.' ट्रम्प ने कहा, 'मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर देना क्या है?'

DOGE ने लगाई फंड पर रोक?

इस सप्ताह की शुरुआत में, DOGE ने ट्वीट किया कि अमेरिकी 'करदाताओं के पैसे निम्नलिखित मदों पर खर्च किए जा रहे हैं, जिन्हें रद्द कर दिया गया है. लिस्ट में से एक 'चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया के लिए संघ को 486 मिलियन डॉलर, जिसमें मोल्दोवा में "समावेशी और सहभागी राजनीतिक प्रक्रिया" के लिए 22 मिलियन डॉलर और भारत में मतदाता मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर शामिल हैं.

मस्क के नेतृत्व वाले विभाग ने विवरण का खुलासा करने के तुरंत बाद, भाजपा के राष्ट्रीय आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया: "मतदाताओं के मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है. इससे किसे लाभ होगा? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी को नहीं!"

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