'अगर चिन्मय दास की पैरवी की तो...', बांग्लादेश में 70 हिंदू वकीलों पर पर झूठी FIR दर्ज
चिन्मय दास को मंगलवार को चटगांव की कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन किसी वकील के न होने पर वह कानूनी रूप से प्रतिनिधित्व नहीं कर सके. क्योंकि सोमवार को उनके वकील रामेन रॉय पर इस्लामवादियों ने क्रूरतापूर्वक हमला किया और उनके घर में तोड़फोड़ की. हमले के बाद किसी भी वकील ने हिंदू साधु को जमानत दिलाने में कानूनी सहायता देने की हिम्मत नहीं दिखाई.

Chinmay Das : बांग्लादेश सरकार ने हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी पर देशद्रोह का आरोप लगाया था. जिसके बाद चिन्मय दास जेल में सजा काट रहे हैं, उनकी दलील पेश करने के लिए वहां कोई वकील आगे नहीं आ रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चिन्मय दास को मंगलवार को चटगांव की कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन किसी वकील के न होने पर वह कानूनी रूप से प्रतिनिधित्व नहीं कर सके. क्योंकि सोमवार को उनके वकील रामेन रॉय पर इस्लामवादियों ने क्रूरतापूर्वक हमला किया और उनके घर में तोड़फोड़ की. हमले के बाद किसी भी वकील ने हिंदू साधु को जमानत दिलाने में कानूनी सहायता देने की हिम्मत नहीं दिखाई.
वकीलों को दी जा रही धमकी
जानकारी के अनुसार बांग्लादेश में वकीलों को चिन्मय कृष्ण दास की पैरवी न करने की धमकी दी गई है. इस संबंध में वकीलों ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें कहा गया कि जो कोई भी चिन्मय कृष्ण दास का बचाव करने के लिए आगे आएगा, उसे सार्वजनिक रूप से पीटा जाएगा. बता दें कि अब मामले की अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी. स्थानीय मीडिया ने समूह के हवाले से कहा कि लगभग 70 हिंदू वकीलों पर 'एक मामले में झूठा मुकदमा दायर किया गया. जिससे उनकी आगामी जमानत सुनवाई में उनकी भागीदारी को रोका जा सके.'
इस्कॉन का बयान
इस्कॉन इंडिया ने सोमवार को बताया कि चिन्मय कृष्ण दास का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता रामेन रॉय पर इस्लामवादियों ने क्रूरतापूर्वक हमला किया और उनके घर में तोड़फोड़ की. इसने कहा कि रॉय अस्पताल के आईसीयू में अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे थे. इस्लामवादियों द्वारा किया गया हमला और धमकियां मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की आवाज़ को दबाने की कोशिश का हिस्सा हैं. संगठन ने बताया कि चिन्मय दास इस्कॉन के साधु थे, लेकिन उन्होंने सितंबर में संगठन ने उनसे दूरी बना ली थी. हालांकि देशद्रोह के आरोप में दास की गिरफ्तारी के खिलाफ संगठन ने आवाज उठाई है.
मामले पर राधारमण दास ने क्या बोले?
इस पूरे मामले पर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बांग्लादेश की न्यायिक प्रक्रिया की कड़ी आलोचना की है. दास ने देरी के हालात का विरोध किया और सवाल किया कि कोई वकील चिन्मय कृष्ण का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकता है, जबकि कथित तौर पर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने भिक्षु की गिरफ्तारी के दिन वकील रेगन आचार्य पर हुए कथित हमले का हवाला दिया. दास ने एक्स पर रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा, "जब चिन्मय कृष्णदास को निशाना बनाया जा रहा है, तो कोई वकील उनके लिए कैसे पेश हो सकता है?" बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास से जेल में मिलने गए दो अन्य भिक्षुओं को भी 29 नवंबर को जेल में डाल दिया गया.