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लूटपाट और मंदिरों पर हिंसा का खूनी खेल...बांग्लादेश में कब-कब हिंदुओं पर सितम?

बांग्लादेश में नई सरकार के गठन के बाद से हिंसा में तेजी देखने के मिली है. खास करके हिंदुओं अल्पसंख्यक पर हमले किए जा रहे हैं. उनके घरों और दुकानों में आग लगाई जा रही है. बांग्लादेश में पहले भी इस्कॉन मंदिर पर अटैक किया गया है. 2021. 2022 और 2024 को देखते हुए कुल तीन बार मंदिर पर हमला किया गया.

लूटपाट और मंदिरों पर हिंसा का खूनी खेल...बांग्लादेश में कब-कब हिंदुओं पर सितम?
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( Image Source:  Credit- ANI )

Bangladesh News: बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को लेकर हिंदू-मुस्लिम विवाद देखने को मिल रहा है. साधु पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया और हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंसा बढ़ती जा रही है.

बांग्लादेश में नई सरकार के गठन के बाद से हिंसा में तेजी देखने के मिली है. खास करके हिंदुओं अल्पसंख्यक पर हमले किए जा रहे हैं. उनके घरों और दुकानों में आग लगाई जा रही है. बता दें कि सालों से यहां पर हमले किए जा रहे हैं. पहले भी इस्कॉन मंदिर और हिंदुओं पर हमले की घटनाएं देखने को मिली हैं.

2022 में इस्कॉन मंदिर पर हमला

जानकारी के अनुसार बांग्लादेश में पहले भी इस्कॉन मंदिर पर अटैक किया गया है. 2021. 2022 और 2024 को देखते हुए कुल तीन बार मंदिर पर हमला किया गया. पहले 2023 में ढाका स्थित वारी में 222 लाल मोहन साहा स्ट्रीट में इस्कॉन राधाकांत मंदिर को निशाना बनाया गया था. ये अटैक हाजी सैफुल्लाह की ओर से किया गया था. साथ ही मंदिर में तोड़फोड़ और लूट की गई थी.

2021 में भक्तों से मारपीट

नोआखाली में साल 2021 में भीड़ ने इस्कॉन पर हमला किया था. उस समय मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी. भगवान के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं से मारपीट की गई थी. इस हमले की जानकारी खुद इस्कॉन ने सोशल मीडिया पर दी थी. संगठन ने कहा कि हम बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं.

दुर्गा पंडाल पर हमला

इस साल 13 अक्टूबर को ढाका से 100 किलोमीटर दूर स्थित कोमिल्ला में अफवाह से हिंसा भड़क गई. धर्म से जुड़े अफवाह की मदद से हिंदुओं के खिलाफ भीड़ को भड़काया गया व दुर्गा पंडाल, मंदिरों और हिंदू समुदायों के लोगों के घरों पर हमले किए गए. इसे नवरात्रि का मजा बिगड़ गया. इन हमलों में 3 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से ज्यादा घायल हो गए थे. धीरे-धीरे यह हिंसा कई इलाकों में फैल गई थी.

हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमले

देश की अल्पसंख्यक अधिकारों पर काम करने वाली संस्था AKS के अनुसार, साल 2021 से पिछले 9 साल में बांग्लादेश में 3679 बार हमले हुए. 1678 मामले धार्मिक स्थलों पर तोड़फोड़ और हथियारबंद हमलों के सामने आए. 2014 में अवामी लीग की जीत के बाद हिंदू समुदाय पर अटैक किया जा रहा है. इतने सालों से हुए हमलों में हिंदू समुदाय के 11 लोगों की जान गई और 862 लोग घायल हुए हैं.

हिंदुओं की घट रही आबादी

बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी में लगातार कमी आ रही है. 1951 में 22 फीसदी से कम होकर 2022 में 8 फीसदी से भी कम हो गई है. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के अनुसार, 1964 से 2013 के बीच 11 मिलियन से अधिक हिंदू बांग्लादेश छोड़ चुके हैं. हर साल 230,000 हिंदुओं ने देश छोड़ रहे हैं. यहां पर करीब 15 करोड़ मुसलमान हैं और इसके 1.31 करोड़ हिंदुओं की जनसंख्या है.

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