ट्रंप के पूर्व सलाहकार ने भारत पर अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी को बताया गलत, अगले ही दिन घर पर FBI ने मारा छापा
अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी FBI ने डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के घर पर छापा मारा.। यह कार्रवाई गोपनीय दस्तावेज़ों के मामले में हुई, हालांकि बोल्टन को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही उन पर आरोप लगाया गया है. यह छापा उस वक्त हुआ जब एक दिन पहले ही बोल्टन ने ट्रंप की भारत नीति और उनके टैरिफ फैसले की आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 50% टैरिफ लगाकर रिश्तों को बिगाड़ा है, जबकि रूस और चीन पर सख्ती नहीं दिखाई गई.

FBI raids John Bolton house: अमेरिका की जांच एजेंसी FBI ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अब उनके कड़े आलोचक बन चुके जॉन बोल्टन के घर पर छापा मारा. यह कार्रवाई उस दिन के ठीक बाद हुई जब बोल्टन ने ट्रंप की भारत को लेकर टैरिफ पॉलिसी की कड़ी आलोचना की थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह छापेमारी क्लासिफाइड दस्तावेजों के गलत इस्तेमाल से जुड़ी जांच के सिलसिले में की गई. हालांकि बोल्टन को न तो हिरासत में लिया गया और न ही उन पर कोई आरोप तय हुआ है.
छापे के दौरान FBI डायरेक्टर काश पटेल ने एक रहस्यमयी ट्वीट किया- No one is above the law, FBI agents on mission यानी कानून से ऊपर कोई नहीं है, FBI एजेंट मिशन पर हैं.
बोल्टन ने ट्रंप और रूस-यूक्रेन युद्ध पर कसा तंज
छापेमारी के बीच ही बोल्टन ने ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार के सपने पर निशाना साधते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन वार्ता में कोई प्रगति नहीं हो रही है. उन्होंने कहा, “रूस अभी भी यूक्रेन को अपने साम्राज्य में शामिल करने की कोशिश में है. मॉस्को चाहता है कि यूक्रेन अपनी जमीन छोड़ दे, लेकिन ज़ेलेंस्की ऐसा कभी नहीं करेंगे. दूसरी तरफ ट्रंप सिर्फ़ नोबेल की दौड़ में मीटिंग कराते रहेंगे.”
भारत पर क्या बोले जॉन बोल्टन?
छापेमारी से ठीक एक दिन पहले बोल्टन ने इंटरव्यू में ट्रंप को 'aberrational president' बताया और भारत पर लगाए गए टैरिफ को 'ग़लत और खतरनाक”'कहा. उन्होंने कहा कि रूस और चीन पर कोई नए प्रतिबंध नहीं लगे, जबकि रूस से तेल खरीदने के बावजूद सिर्फ़ भारत को 50% टैरिफ (25% + 25%) का सामना करना पड़ा.
बोल्टन ने चेतावनी देते हुए कहा, “भारत को अलग-थलग छोड़ना साफ संदेश देता है कि अमेरिका ने भारत को त्याग दिया है. यह कदम भारत को रूस और चीन के और करीब धकेल सकता है.” उन्होंने सलाह दी कि दोनों देशों को रिश्तों में न्यूनतम नुकसान होने देना चाहिए और जल्दी से जल्दी उन्हें सुधारने पर काम करना चाहिए.