ट्रंप टैरिफ से अब और भरेगा भारत का खजाना! पुतिन के इस फैसले से अब और बढ़ेगी US की बेचैनी? India को मिलेगा और सस्ता तेल
अमेरिका और रूस के बीच चल रहे टैरिफ तनाव के बीच भारत के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. रूस ने भारत को कच्चे तेल पर 5% डिस्काउंट देने का एलान किया है. इससे एक तरफ भारत को ऊर्जा आयात पर भारी बचत होगी और खजाना और भर सकेगा, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की बैचेनी और बढ़ सकती है. ट्रंप प्रशासन पहले ही भारत की रूस से तेल खरीद को लेकर सख्त रुख दिखा चुका है.

वैश्विक राजनीति और आर्थिक दबावों के बीच रूस ने भारत को एक बार फिर भरोसा दिलाया है कि तेल की आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अमेरिकी दबाव और प्रतिबंधों के बावजूद रूस ने साफ कर दिया है कि वह भारत को कच्चा तेल 5 प्रतिशत छूट के साथ उपलब्ध कराएगा. यह ऐलान रूस के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव इन इंडिया एवगेनी ग्रिवा ने किया.
ग्रिवा ने कहा कि 'रूसी क्रूड ऑयल की खरीद पर भारत को 5 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी, जो बातचीत के आधार पर तय होगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मौजूदा राजनीतिक हालात के बावजूद भारत को तेल की आपूर्ति पहले जैसी ही बनी रहेगी.
रूस का आश्वासन- तेल आपूर्ति पर नहीं पड़ेगा असर
रूस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने भी भारत-रूस ऊर्जा सहयोग को लेकर भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि "यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति जरूर है, लेकिन हमें अपने रिश्तों पर पूरा भरोसा है। हमें यकीन है कि भारत-रूस ऊर्जा सहयोग बाहरी दबावों के बावजूद जारी रहेगा.
अमेरिका का आरोप- "भारत फंड कर रहा है युद्ध"
दूसरी ओर अमेरिका लगातार भारत की तेल खरीद पर आपत्ति जता रहा है. व्हाइट हाउस ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने कहा कि "भारत रूस के तेल का वैश्विक क्लियरिंग हाउस बन गया है. भारत रूस से प्रतिबंधित तेल खरीदकर उसे उच्च मूल्य के निर्यात में बदल रहा है और इससे मॉस्को को डॉलर मिल रहे हैं. अमेरिका ने इस आधार पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, जिसका सीधा असर टेक्सटाइल, मरीन और लेदर एक्सपोर्ट जैसे सेक्टर पर पड़ने की संभावना है.
भारत का पलटवार- ‘अनुचित और अन्यायपूर्ण कदम’
भारत ने अमेरिका के इस फैसले की कड़ी निंदा की है. सरकार ने इसे "अनुचित, अन्यायपूर्ण और असंगत" करार देते हुए साफ कहा है कि आर्थिक दबाव के आगे झुकने का सवाल ही नहीं उठता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पहले स्पष्ट किया था कि 'भारत अपनी आर्थिक नीतियों में किसी बाहरी दबाव से पीछे नहीं हटेगा.
अमेरिकी रणनीति- रूस पर द्वितीयक दबाव
अमेरिकी प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि "राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर जो टैरिफ लगाया है, उसका मकसद रूस पर अप्रत्यक्ष दबाव बनाना है. उन्होंने आगे कहा कि "प्रेसिडेंट ने साफ कर दिया है कि वह युद्ध को खत्म करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने कई कदम उठाए हैं, जिनमें भारत पर लगाए गए प्रतिबंध भी शामिल हैं.
रूस-भारत साझेदारी बनी चुनौतीपूर्ण
अमेरिका ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो मॉस्को पर और प्रतिबंध लगाए जाएंगे और उन देशों पर भी सेकेंडरी सैंक्शंस लागू होंगे, जो रूस से तेल खरीदते हैं. चीन और भारत इस वक्त रूस से तेल खरीदने वाले शीर्ष दो देश हैं.